Khwahish par Kavita
Khwahish par Kavita

ख्वाहिशों का रंग घोल दे

( Khwahishon ka rang ghol de ) 

 

लक्ष्य साधकर बढ़ते जाए मन की गांठे खोल दे।
लगन संग कोशिशों में ख्वाहिशों का रंग घोल दे।

उन्मुक्त उड़ानें नभ छूए तमन्नाओं को मुस्कान दे।
हौसलों से मंजिलों की दुर्गम राहों पे भी ध्यान दे।

हंसी-खुशी प्रेम सलोना बांटे प्यार के मोती हम।
बुलंदियां चरणों में होगी सीखें पीना थोड़े गम।

रंगों की रंगत में सारी खुशियां झोली में आती।
कोशिशों में प्यार भरी जब ख्वाहिशें घुल जाती।

मालामाल तमन्ना होती मेहनत हो जाती धनवान।
इच्छाएं झूम के नाचे लगन बड़ी होती बलवान।

कदम कदम पे मिले सफलता मंजिलें मुस्काती है।
शोहरत का परचम लहराए सुख समृद्धि आती है।

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

गाय | Gaay par Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here