कृष्ण लला | मत्त गयंद सवैया
कृष्ण लला
कृष्ण लला अवतार लिए चॅंहु ओर बजे दिन रैन बधाई।
सोहर गाय रहीं ब्रज नार सुहासित नंद जसोमति माई।
अंबर से अवनी तक आज सभी नर नार रहे मुसकाई।
खेल रचा बिधना चुपचाप निहार रहे क्षण मंगलदाई।।
केशव बेटिन को दुख कष्ट निवार धरा पर लाज बचाओ
घूम रहे चॅंहु ओर दुशासन चीर हरें प्रभु चीर बढ़ाओ।
रास बिसारहु त्याजहु बांसुरि चक्र सुदर्शन आज चलाओ ।
रोइ पुकार रही अबला मधुसूदन देर करो नहिं आओ।।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )