क्यों वो देने लगे दग़ा जाने

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने

क्यों वो देने लगे दग़ा जाने।
क्या हुआ,क्या पता, ख़ुदा जाने।

जिनका शेवा वफ़ाएं करना था।
भूल बैठे वो क्यों वफ़ा जाने।

कोई राह़त नहीं अभी तक तो।
देखो कब तक चले दवा जाने।

जिनसे उम्मीदे-लुत्फ़ होती है।
वो ही करते हैं क्यों जफ़ा जाने।

बस यही सोच कर तड़पता हूं।
क्यों हुए मुझसे वो ख़फ़ा जाने।

क़हर ढाने लगी चराग़ों पर।
किस तकब्बुर में है हवा जाने।

वो जो इन्सानियत के दुश्मन हैं।
कब मिलेगी उन्हें सज़ा जाने।

कौन समझाएगा फ़राज़ उसको।
जो बुराई को भी भला जाने।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़

पीपलसानवी

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *