प्यार करता हूँ

प्यार करता हूँ | Pyar Kavita

 प्यार करता हूँ 

( Pyar karta hun )

 

बहार क्या होती है
फूल क्यूँ खिलते हैं
भँवरे क्यों गाते हैं
खुशबू क्यों बिखरती है
सूरज क्यों निकलता है
चाँद रात भर आकाश में,
क्यूँ चक्कर लगाता है
बारिश क्यों होती है
दिन क्यूँ होता है
रात क्यूँ ढलती है।
हवा क्यों बहती है
पँछी क्यूँ गाते हैं
सपने क्यों आते हैं
दिल क्यों धड़कता है
नींद क्यों नहीं आती
चैन क्यूँ नहीं आता
नींद क्यूँ नहीं आती है।
दे सकती हो तुम
इन सब बातों का जवाब,
मैं क्यूँ प्यार करता हूँ तुमसे
अगर नहीं दे सकती तो,
मत पूछो मुझसे कि
मैं तुमसे प्यार करता हूँ।।

 

🌺

 

लेखक :सन्दीप चौबारा
( फतेहाबाद)
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