Manbhavan kavita

मनभावन कविता | Manbhavan kavita

मनभावन कविता

( Manbhavan kavita )

 

 

साहित्य विधाएं मधुरम कवि की कविताएं मधुरम
उर पटल आनंद भरती मनभावन रचनाएं मधुरम

 

शब्द सुरीले मीठे-मीठे बहती भाव सरितायें मधुरम
छंद सोरठा गीत गजल में सजे नई उपमायें मधुरम

 

कल्पनायें साकार होती सृजन भरी रचनाएं मधुरम
भाव सिंधु से मोती बहते काव्य की धाराएं मधुरम

 

मनमंदिर में दीप जगाती ज्योतिर्मय प्रभायें मधुरम
उर आंगन उमंगे होती, ज्ञान ज्योत आभाएं मधुरम

 

कवि मंचो की शान बनती रसमयी धाराये मधुरम
दिल से दिल को दस्तक देती काव्य कलाये मधुरम

 

हिम्मत हौसला भाव भरे पौराणिक कथाएं मधुरम
देशभक्ति का भाव जगाती वीरों की गाथाएं मधुरम

 

शब्दाक्षर से स्वर्णाक्षर हो साहित्य मालायें मधुरम
आन बान शान से लहरें कीर्ति पताकायें मधुरम

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

रिश्तो का मेला | Poem on rishtey in Hindi

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *