मिलता कैसे सहारा नये साल में
मिलता कैसे सहारा नये साल में
मिलता कैसे सहारा नये साल में
कर रहे सब किनारा नये साल में
चमके किस्मत का तारा नये साल में
कर दो कुछ तो इशारा नये साल में
भर गया दिल हमारा उमंगों से अब
देखा ऐसा नजारा नये साल में
कोई तरकीब ऐसी लगा लीजिये
हो सुकूँ से गुज़ारा नये साल में
याद होगें तुम्हें दिन मुलाकात के
कैसे अब तक पुकारा नये साल में
आसमां ने चमन ओस से भर दिया
प्यार शायद उतारा नये साल में
माँ से अपनी किनारा मैं कैसे करूँ
जिसका हूँ मैं दुलारा नये साल में
उससे जीवन हमारा है आनंद मय
प्रीत नदिया की धारा नये साल में
किस कदर ये प्रखर आज बेताब है
कोई आये हमारा नये साल में
महेन्द्र सिंह प्रखर
( बाराबंकी )
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