Ghazal | कितनी हिम्मत वाली नारी है
कितनी हिम्मत वाली नारी है
( kitni Himmat Wali Nari Hai )
कितनी हिम्मत वाली नारी है
मुश्किल से न कभी हारी है
संसार चलाती है यें लोगों
देखो यें सबसे न्यारी है
सम्मान करो नारी का ही
लगती यें तुलसी प्यारी है
देती ख़ुशबू प्यार भरी ही
नारी फ़ूलों की क्यारी है
हारे मुश्किल इसके आगे
ममता का आँचल भारी है
अपमान करे है जो आज़म
अदूं के लिए फ़िर आरी है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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