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कन्या और दान

कन्या और दान | shadi poem in hindi

*कन्या और दान* ( Kanya Or Daan )    जबसे बिटिया हुई सयान चिंता में है बाप की जान  नित्य  धरावे  नारी  ध्यान  जल्दी कर दो कन्यादान  घर -वर ढूढ़े फिर बाप परेशान कहां   मिले   अच्छा  मेहमान घर मिले अच्छा तो वर नहीं अच्छा बर  मिले  अच्छा तो घर नहीं अच्छा घर- वर अच्छा तब…

मन का संसय

मन का संसय | Kavita

मन का संसय ( Man ka Sansay )   उम्मीद हमारी तुमसें है, देखों  यह  टूट न जाए। विश्वास का धागा ऐसा है जो,पास तेरे ले आए।   मन जुड़ा हुआ है श्याम तुम्ही से,तू ही राह दिखाए। किस पथ पहुचें द्वार तेरे, उस पथ को आप दिखाए।   भटकत मन को बांध सका ना,शेर…

उलझन

Ghazal | उलझन

उलझन ( Uljhan ) क्यों  उलझा  है  शेर हृदय तू, बेमतल की बातों में। जिस संग मन उलझा है तेरा, तू ना उसके सासों में। मना  ले  अपने चंचल मन को, वर्ना तू पछताएगा, प्रेम पतित हो जाएगा फिर,रूक ना सकेगा आँखो में। इतना ज्ञान भरा है तुझमें, फिर.भी क्यो अंजान रहे। इकतरफा है प्यार…

गजगामिनी

Kavita | गजगामिनी

गजगामिनी ( Gajagamini )   मन पर मेरे मन रख दो तो,मन की बात बताऊं। बिना  तेरा  मै  नाम  लिए ही, सारी बात बताऊं। महफिल में कुछ मेरे तो कुछ,तेरे चाहने वाले है, तेरे बिन ना कटते दिन, हर रात की बात बताऊं।   संगेमरमर  पर  छेनी  की,  ऐसी  धार ना देखी। मूरत जैसे सुन्दर…

चैती

Lokgeet | चैती

 चैती ( Chaiti Lokgeet )   काहे  गए  परदेश  सजनवा,  काहे  गए  परदेश। प्रीत मोरी बिसरा के सजनवा,छोड़ गए निज देश।   फागुन बीता तुम बिन सजनवा,चैत चढा झकझोर। भरी दोहपरी अल्लड उडे है, गेहूंआ काटे मलहोर।   पुरवा पछुआ कभी उडे तो, कभी उडे चकचोर। सांझ  ढलत  ही चैती गाए तब, नैन बरसाए नीर।…

जीवन इक कचहरी है,सबको मिलता न्याय

दोहा सप्तक | जीवन इक कचहरी है,सबको मिलता न्याय

 जीवन इक कचहरी है,सबको मिलता न्याय ( Jeevan Ik Kachahari  Hai,Sabko Milata Nyaay )   जीवन इक कचहरी है,सबको मिलता न्याय। बिना मुकदमा केस का,समय सुनाये राय।   रखें मुखौटा बॉंधकर,घूमें मत बाजार। साफ सफाई से करें,कोरोना संहार।   नहीं सियासत में कभी,होता कोई मित्र। किन्तु शुभ संकेत नहीं,इसका रक्त चरित्र।   जीवन के कैनवास…

भाग्य

Kavita | भाग्य

भाग्य ( Bhagya ) जनक  ने चार  चार  पुत्री ब्याही थी, धरती के उत्तम कुल में। मिले थे छत्तीस के छत्तीस गुड़ उनके, धरती के उत्तम वर से।   पूर्व  जन्मों  का  तप था जनक सुनैना, हर्षित होकर इठलाते थे। दिव्य था रूप अवध के उत्तम कुल से, जुडने को है भाग्य हमारे।   कोई…

काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी

Kavita | काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी

काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी ( Kahe Bawri Pe Baithi Radha Rani )   काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी, चलो चलते है यमुना के घाट पे। आया  सावन   भरा  नदी   पानी, चलो चलते है नदियां के घाट पे।।   बैठ कंदम्ब की डाल कन्हैया, मुरली  मधुर  बजाए। जिसकी धुन पर बेसुध गैय्या, ऐसी …

होली

होली त्यौहार | Holi par Kavita in Hindi

होली ( Holi )   होली में केवल रंग है अब प्रेम न उमंग है   !! नशा है न मस्ती रंगो से खाली बस्ती बस पसरा है सन्नाटा कहीं न हुड़दंग है …….   होली में केवल…….     बजता नहीं अब गाना मौसम नहीं फगुआना बुढ़वा में नहीं हलचल    बच्चों में न तरंग…

तुम मिलते या न मिलते एक स्टेट्स लगाते

Vyang | तुम मिलते या न मिलते एक स्टेट्स लगाते

तुम मिलते या न मिलते एक स्टेट्स लगाते ( Tum Milte Ya Na Milte Ek Status Lagate )   तुम मिलते या न मिलते एक स्टेट्स लगाते। मोबाइल के बहाने से हम तुम्हे देख पाते।।   मेसैजिंग   रेगुलर   करते  रिप्लाई  रेगुलर  जाता, प्रेम के दुश्मन भी इसको कभी भी न समझ पाते।।   वीडियो काल…