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अपना बचपन

Kavita | अपना बचपन

अपना बचपन ( Apna Bachpan )   बेटी का मुख देख सजल लोचन हो आए, रंग बिरंगा बचपन नयनों में तिर जाए । भोर सुहानी मां की डांट से आंखे मलती, शाम सुहानी पिता के स्नेह से है ढलती। सोते जागते नयनों में स्वप्निल सपने थे, भाई बहन दादा दादी संग सब अपने थे। फ्राक…

खुशियों की कैसी जिद्द तेरी

खुशियों की कैसी जिद्द तेरी | Poem Khushiyon ki Zid

खुशियों की कैसी जिद्द तेरी ( Khushiyon Ki kaisi Zid Teri )   ग़मों की वो शाम थी,बनी है लम्बी रात सी। अन्धियारा जीवन है, अन्धियारा दूर तक। खुशियों की कैसी जिद्द तेरी…….   कहों तो सब बोल दूँ, ग़मों के पट खोल दूँ। चाहत के रिसते जख्म, दिखते है दूर तक। खुशियों की कैसी…

बात सब मानी तुम्हारी हमने

बात सब मानी तुम्हारी हमने | Shayari Baat

बात सब मानी तुम्हारी हमने ( Baat Sab Mani Tumhari Hamne )   गुलों से जबसे की यारी हमनें। रात रो रो कर गुजारी हमने।। मुझको  ठुकराकर  जाने  वाले, बात सब मानी तुम्हारी हमने।। बावफा रह के क्या मिला मुझको, मौत  की कर ली तैयारी हमने।। दिल की बाजी भी लगाकर देखा, हार  झेली  है …

प्रधानी

Bhojpuri Vyang | प्रधानी

प्रधानी ( Pradhani )    1 गउंआ भा लंका बजा जब डंका  फोन गईल घर से राजधानी आवा हो भैया कन्हैया भी आवा  भौजी  लड़े अबकी प्रधानी …..  आवा हो भैया…. 2 आपन सीट जुगाड़ भी फीट करें मनमानी जो देवई पीट  चले नहीं मर्जी नहीं वोट फर्जी   होय ना देबई अबकी बेईमानी ……..

क्या खता थी नजर मिलाना था

Ghazal | क्या खता थी नजर मिलाना था

क्या खता थी नजर मिलाना था ( Kya Khata Thi Nazer Milana Tha )     क्या  ख़ता  थी  नजर मिलाना था, लेके  खंजर  खड़ा  ज़माना  था।। हादशा   हुआ   तो   हुआ   कैसे, कुछ ही लोगों का आना जाना था‌।। मैं ही खुशबू हूं उनके गुलशन की, उनका  हरदम  यही  बहाना था।। बहुत  सम्भाला  मगर  टूट…

नाम नही

Kavita | नाम नही

नाम नही ( Naam Nahi )   संघर्षो  के  रूग्ण धरातल, पे अब उनका नाम नही। जाने कितने कटे मरे पर, कही भी उनका नाम नही।   ये आजादी चरखे के, चलने से हमको नही मिली, लाखों ने कुर्बानी दी पर, कही भी उनका नाम नही।   बूंद बूंद मिलती है तब ये, सागर विस्तृत…

आदमी

Ghazal | आदमी

आदमी ( Aadmi )   हर  तरफ मजबूरियों में, रो  रहा है  आदमी। आंसुओं से जख़्मे दिल को,धो रहा है आदमी।   कौन किसके दर्द की,आवाज को सुनता यहॉं, डालकर  कानों  में  रूई,  सो  रहा है आदमी।   दौरे तूफॉं में चैन से,जीना कोई मुमकिन नहीं, भार  अपनी  ज़िंदगी  का, ढो रहा है आदमी।  …

लकीर

Ghazal | लकीर

लकीर ( lakeer )   हाथों की उलझी लकीरों में, तेरा नाम ढूंढ रहा हूँ। इक  बार  नही कोशिश ये, बार बार कर रहा  हूँ।   शायद  नही तू किस्मत में, एहसास कर रहा हूँ। फिर भी हृदय से कोशिश मैं, हर बार कर रहा हूँ।   कुछ रेखाएं ऐसी है जो, कुछ दूरी  तक…

हुंकार का दिल

Ghazal || हुंकार का दिल

हुंकार का दिल ( Hunkaar Ka Dil )     मूंगफली  के  दाने  सा,  छोटा  सा  दिल  है  मेरा। उसपर भी ना सम्हाला तुझसे,ला दिल वापस मेरा।   कोई कही तो होगा जिसको, मेरा दिल प्यार होगा, लाखों  मे  कही  एक  है  होता,  ऐसा दिल है मेरा।   छोटा सा है चिप के जैसा,जिसकी मेमोरी…

न जाने कौन सी बीमारी है

Ghazal || न जाने कौन सी बीमारी है

न जाने कौन सी बीमारी है ( Na Jane Kaun Si Bimari Hai )     जिगर में दर्द अश्क जारी है। न जाने कौन सी बीमारी है।।   शुकून लाऊं तो लाऊं कैसे, हर तरफ बहुत पहरेदारी है।।   चार कंधों पर सज गया बिस्तर, क्या मेरे जाने की तैयारी है।।   मुहब्बत खेल…