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रंग

kavita | रंग | Rango Par Kavita in Hindi

रंग ( Rang )   नयनों से ही रग डाला है, उसने मुझकों लाल। ना  जाने  इस होली में, क्या होगा मेरा हाल।   पिचकारी में रंग भर उसने, रग दी चुनर आज, केसरिया बालम आजा तू,रग कर मुखडा लाल।   धानी  चुनरी  पीली चोली, लंहगे का रंग गुलाब। नयन गुलाबी चाल शराबी, मुखडें से…

प्रेम की होली

Prem ki Holi | कविता प्रेम की होली

प्रेम की होली ( Prem Ki Holi )   खेलेंगे हम प्रेम की होली। अरमानों की भरेगी झोली। खुशियों की बारात सजेगी, बिगड़ी सारी बात बनेगी। नोंक-झोंक कुछ हल्की-फुल्की, होगी हॅंसी-ठिठोली। खेलेंगे हम प्रेम की होली।   महुए की मदमाती गंध, फूलों की खुशबू के संग। आया है दुल्हा ऋतुराज, चढ़कर फाग की डोली। खेलेंगे…

होली

फागुन के दिन | Holi Poem in Hindi

 फागुन के दिन ( Phagun ke din )   फागुन  के  दिन थोडे रह गए, मन में उडे उमंग। काम काज में मन नाहि लागे,चढा श्याम दा रंग।   रंग  बसन्ती  ढंग बसन्ती, तोरा अंग  बसन्ती  लागे, ढुलमुल ढुलमुल चाल चले,तोरा संग बसन्ती लागे।   नयन से नयन मिला लो हमसें, बिना पलक झपकाए। जिसका पहले पलक…

कविता

Kavita | कविता क्या है

कविता क्या है  ( Kavita Kya Hai )   आज कविता दिवस है इसका नहीं था मुझे ध्यान मेरे मित्र ने याद करा कर मुझे कराया अभिज्ञान   कविता क्या है कुछ कविता के बारे में लिखो केवल  चार  पंक्तियां ही नहीं कुछ और लिखो   मैंने   भी   सोचा   पहले   कवि  है  या  कविता  है…

आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है

Ghazal | आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है

आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है ( Aap Ke Hi Gaon Me Kub Se Nadi Ek Thahri Hai )     आपके ही गॉंव में,कब से नदी इक ठहरी है। और नीचे बस्तियों में,जल की अफ़रा-तफ़री है।   जो विमानों से शहर की, दूरियों को मापते हैं, उनको क्या मालूम कैसी,जेठ की…

विश्व कविता दिवस पर

Vishv Kavita Diwas Par Kavita | विश्व कविता दिवस पर

विश्व कविता दिवस पर ( Vishv Kavita Diwas Par ) कविता प्रकृति पदार्थ और पुरुषार्थ दिखाती कविता, जीव को ब्रह्म से आकर के मिलाती कविता।।   शस्त्र सारे जब निष्फल हो जाया करते, युद्ध में आकर तलवार चलाती कविता।।   पतझड़ों  से  दबा  जीवन  जब क्रंदन करता, हमारे घर में बन बसंत खिल जाती कविता।।…

प्रेरणा गीत

प्रेरणा गीत | Inspirational Song in Hindi

प्रेरणा गीत ( Prerna Geet )   कदम से मिलाकर कदम जो चलोगे, सफलता कदम चूम लेगी। डर के अंधेरों से निकलोगे बाहर, विफलता तुम्हें छोड़ देगी। चिंता करो न कि कैसे ये होगा, समाधान ये न करेगी। चिंतन करो कि करेंगे ये ऐसे, नई राह सुबह मिलेगी। कदम से मिलाकर कदम….. समय ये कठिन…

सुदामा

सुदामा | Kavita

सुदामा ( Sudama )   त्रिभुवनपति के दृगन में जल छा गया है। क्या कहा ! मेरा सुदामा आ गया है।। अवन्तिका उज्जयिनी शिप्रा महाकालेश्वर की माया, काशी वासी गुरु संदीपन ने यहां गुरुकुल बनाया। मथुरा से श्रीकृष्ण दाऊ प्रभास से सुदामा आये, गुरु संदीपन विद्यावारिधि को सकल विद्या पढ़ाये।। शास्त्र पारंगत विशारद पवित्रात्मा आ…

मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है

Ghazal Mausam Khijaan Ka | मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है

मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है ( Mausam Khijaan Ka Sine Mein Gam Ki Bahar Hai )   मौसम ख़िजा का सीने में ग़म की बहार है। उजङा चमन ये गुल बिना कांटे हजार है।।   कैसे करें विश्वास फिर दुनिया-जहां का हम। साथी कोई जग में नहीं दुश्मन अपार है।।  …

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है | Shayari Tumhare Bin

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है ( Tumhare Bin Jahan Kis Kam Ka Hai )     लोग  कहते  हैं  कि  आराम  का है। तुम्हारे बिन जहां किस काम का है।।   हथेली पर रोज लिखना मिटाना भी, बस  यही काम सुबहो शाम का है।।   फूल  तो  ले  गये  ले जाने वाले, सिर्फ …