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बसन्त ऋतु

बसन्त ऋतु | Basant ritu par kavita

बसन्त ऋतु ( Basant Ritu )   प्रकृति उत्सव चली मनाने, पीत वसन काया पर है । नव पल्लव की पायल पहने, राग रंग बसा रग रग है।।   पैर धरे न अब धरती पर, लाज शरम सब छूट गयी। ऋतुओं के राजा से मिलने, चूनर धानी ओढ़ गयी।।   बौरों के आभूषण पहने, बौरायी…

गुलाब कहूं या बहार कहूं

Love Shayari | Romantic Ghazal -गुलाब कहूं या बहार कहूं

गुलाब कहूं या बहार कहूं   ( Gulab Kahoon Ya Bahar Kahoon )   गुलाब   कहूं   या   बहार   कहूं। तुम्ही बतादो क्या मैं यार कहूं।।   हम मुशाफिर है हमें क्या मालूम, तुम्हें  कश्ती  नदी पतवार कहूं।।   अजीब शर्त है इस महफिल की, अगर  कहूं  तो  बार बार कहूं।।   जिंदगी में ये कैसी…

चलते चलते हुए रुक जाऊं

Hindi Poetry On Life | Hindi Geet -चलते चलते हुए रुक जाऊं

चलते चलते हुए रुक जाऊं  (Chalte Chalte Hue Ruk Jaoon )   चलते चलते मैं रुक जाऊं तो तुम मत घबराना मीत   याद हमारी आएगी तो आंसू नहीं बहाना मीत।   हम दोनों का प्यार पुराना पावन निर्मल निश्चल है   हृदय एक है प्राण एक है दोनों में ही मन का बल है…

मै इक सोनार हूँ

Hindi Poetry On Life | मै इक सोनार हूँ

मै इक सोनार हूँ ( Main Ek Sonar Hun )   मै इक सोनार हूँ जिसकी चाहत जग वैभव से भरा रहे। इस  जग  के  सारे  नर नारी स्वर्ण आभूषण से लदे रहे। ** मेरी शुभ इच्छा रही सदा हर इक घर में मंगल गीत बजे। या  तेरी  हो  या  मेरी  हो  माँ  बहन  बेटियाँ …

श्रृंगार

Hindi Poetry On Life | Hindi Ghazal -श्रृंगार

श्रृंगार (Shringaar ) मधुर स्वर कोकिलार कूकन कामिनी जस रति बदन सी। जड़ित मुक्ता मणित अगणित स्वर्ण कंगन खनखनन सी।।      कमलदल बल विकल लखि अधरन की आभा,    दृगन खंजन चुभन चितवन मलयज सुलाभा, करत जात निनाद सरिता अनवरत कलकल वचन सी।। जड़ित ०।।      कर्ण कुण्डल में भूमण्डल नथनी में ब्रह्मांड…

रिश्ता

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Hindi Poetry -रिश्ता

रिश्ता ( Rishta )   कैसा रिश्ता,कब का रिश्ता. सब तो है मतलब का रिश्ता. जात,खून,मजहब का रिश्ता, सबसे बढिया रब का रिश्ता. मिलता नहीं अब *ढब* का रिश्ता,(ढंग) गायब प्रेम,अदब का रिश्ता. दौलत और *मनसब*का रिश्ता,(पद/प्रतिष्ठा) है दोनों मेंं गज़ब का रिश्ता. चुंबन से ज्यों *लब*का रिश्ता,(ओठ) निभता दिन और*शब*का रिश्ता।(रात) दृढ़ है नेक*सबब*…

जिंदगी इस तरह फिजूल किया

Hindi Poetry On Life | जिंदगी इस तरह फिजूल किया

जिंदगी इस तरह फिजूल किया ( Zindagi Is Tarah Fizool Kiya )   जिंदगी इस तरह फिजूल किया। हार कर हार न कबूल किया।। तुम तो अपनी अना पे खड़े रहे, मैंने ही खुद को बेउसूल किया।। जिंदगी तुझसे शिकायत भी नही, तूने जब चाहा हमें धूल किया।। लोग अंधियारे में खुश लगते है, हमें…

प्रेम अगन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Love Kavita -प्रेम अगन

प्रेम अगन ( Prem Agan )   बचना  होगा   प्रेम  अगन से, इसमे  ज्वाला ज्यादा है। सुप्त सा ये दिखता तो है पर,तपन बहुत ही ज्यादा है।   जो भी उलझा इस माया में, वो ना कभी बच पाया है, या तो जल कर खाक हुआ या, दर्द फफोला पाया है।   कोई कुछ भी…

अधुरा प्यार

Adhura Pyar shayari | Hindi Poem -अधुरा प्यार

अधुरा प्यार ( Adhura Pyar )     निचोडों  ना  हृदय  मेरा,  यहाँ  यादें  हमारी  हैं। सुहानें दिन के कुछ लम्हें, तुम्हारे संग हमारी है।   चले जाना है तो जाओ,मगर ये याद रखना तुम, हमारे ना हुए  हुंकार पर,तुम्हारी यादें हमारी हैं।   अधुरा प्यार है शायद, वफा आँखों से बहता है। दबा हुंकार…

नयन

Hindi Poetry | नयन

नयन ( Nayan )     नयनाभिराम नयना, ना नींद है ना चैना। बेकल नयन अधीर है, काटे न कटे रैना।   मन साँवरे में लीन है,उनसे नही ये कहना। आयेगे  तो पूछूँगी  मै, बितायी कहाँ रैना।   जहाँ प्रेम है विरह भी है,राधा जहाँ है कृष्णा। फिर क्यों तडप रहा है मन,सन्तुष्ट नही तृष्णा।…