Search Results for: शायरी

Kavita main kaan hoon

मैं कान हूं | Kavita main kaan hoon

मैं कान हूं ( Main kaan hoon )   मैं कान हूं अपने जिम्मेदारियों से परेशान हूं। गालियां हों या तालियां अच्छा हो या बुरा सबको सुनकर,सहकर हैरान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं। चश्में का बोझ ढोकर डंडियों से जकड़ा हुआ आंखों के मामलों में, मैं बना पहलवान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं।…

Suryakant bali dirghatama

सूर्यकांत बाली के वैदिक उपन्यास “दीर्घतमा” पर परिचर्चा

“सुनो पाञ्चजन्य का नाद तो है स्वर सिंहनादी ललकारो का अबकी बार प्रहार कड़ा हो फन कुचलो मक्कारों का” बसंत महोत्सव पर कवियों ने भी बिखेरा काव्य रंग छिंदवाड़ा – साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग का उपक्रम पाठक मंच द्वारा लेखक सूर्यकांत बाली के वैदिक उपन्यास “दीर्घतमा” पर परिचर्चा एव बसंत…

Book review behad muhabbat

युवाओं के लिए बेहद चर्चा का विषय रहा बेहद मोहब्बत | Book review

बिहार कई बड़े साहित्यकारों की धरती रही है। निरंतर इस मिट्टी से कोई न कोई कवि और लेखक निकलता ही आ रहा है। इसी कड़ी में युवा साहित्यकार कवि व लेखक आलोक रंजन की दुसरी काव्य संग्रह बेहद मोहब्बत प्रकाशित हो चुकी है। यह किताब आनलाईन बाजार के हर दुकान पर उपलब्ध है। आलोक रंजन…

रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है

रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है | Ghazal

रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है ( Raat din aankhon mein hi nami khoob hai )     रात दिन आँखों में ही नमी ख़ूब है यादों की चोट दिल पे लगी ख़ूब है   ए ख़ुदा कर दें ऐसी बरसी बुझ जाये प्यार की प्यास दिल को लगी ख़ूब है   दूर…

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

Ghazal | दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी ( Dil Nahi Mana Kabhi Koi Gulami )     दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी। देनी आती ही नहीं हमको सलामी।।   सीधे-सादे हम तो है उस रब के बंदे। राह सीधी जो चले सन्मार्ग-गामी।।   गलतियों से क्यूं डरे हम इस जहां में। कौन जिसमें है नहीं…

कहां मुश्किल

Ghazal | कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए

कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए ( Kahan Mushkil Agar Wo Sath Mein Kartar Aa Jaye )   कहां मुश्किल अगर वो साथ में करतार आ जाए। लगे  कश्ती  किनारे  हाथ  ग़र पतवार आ जाए।।   निभाना होता है मुश्किल ये जीवन साथ में यारो। दिलों के बीच में जब भी कोई…

दिल में इतनी बढ़ गई है दूरियां

Hindi Ghazal on love | दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां

दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां ( Dil mein unse badh gayi hai dooriyan )   दिल में उनसे बढ़ गई है दूरियां।। रास  आने  है  लगी  तन्हाइयां ।।   फ़ासलाअब बढ़ गया है इस कदर।। साथ  रहना  बन  गया  मज़बूरियां।।   ग़म बढ़ा हद से ज़ियादा जब मेरा। दिल को तब भाने लगी…

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

Ghazal | दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है ( Dilon Ke Tootne Ki Jab Kabhi Shuruaat Hoti Hai )   दिलों  के  टूटने  की  जब  कभी शुरुआत होती है। कहो कब चैन मिलता है तङफ दिन-रात होती है।।   बहुत  मजबूत  होते  हैं  ग़मों को झेलने वाले। कभी भी उनकी आंखों से नहीं बरसात…

किया दिल पे जादू तेरी सादगी ने

Shayari on sadgi | किया दिल पे जादू तेरी सादगी ने

किया दिल पे जादू तेरी सादगी ने ( Kiya Dil Pe Jadoo Teri Sadgi Ne )   किया दिल पे जादू तेरी सादगी ने। दिवाना बनाया तेरी आशिकी ने।।   खुदा से भी बढ़कर है चाहा तुझी को। बनाया है काफिर तेरी बंदगी ने।।   जिसे दिल से चाहा था हमने यहां पर। मेरा दिल…

हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा

Romantic Ghazal | Love Ghazal | हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा

हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा (Har Ghadi Milata Rahe Didar Tera)     हर घड़ी मिलता रहे दीदार तेरा जिंदगी को चाहिए बस प्यार तेरा   सोचता हूँ मैं तुझे बाँहों में भर लूँ खींचता है दिल को ये श्रॄंगार तेरा   ढ़ूंढ़ता है हर जगह ये बस तुझे ही मेरा दिल है इस…