उसका मुकद्दर यू रूठ गया

उसका मुकद्दर यू रूठ गया

उसका मुकद्दर यू रूठ गया 1. उसका मुकद्दर यू रूठ गया , बकरा कसाई हाथ लग गया। 2. वो दिल में आ बत्तियां बुझा नभाक कर गया, कोई जुगनू पकड़ दामन फिर उजाला कर गया। 3. तुम अच्छे हो अच्छे रहो, हम बुरे हैं बुरे ही सही, देख लेते जो अच्छी नजर से बुरे हम…

ज़िंदगी में अब न वो मंज़र सुहाने आयेंगे

जिंदगी में अब न वो मंजर सुहाने आयेंगे | Zindagi Par Shayari in Hindi

जिंदगी में अब न वो मंजर सुहाने आयेंगे ( Zindagi mein ab na wo manzar suhane aayenge )     भूल  जा   फिर  लौट के, गुजरे  ज़माने आयेंगे । ज़िंदगी  में  अब  न  वो  मंज़र  सुहाने  आयेंगे ।।   असफलता  पर   मेरी   जो आज  शर्मिन्दा  हुए। देखना  कल वो ही मुझ पर हक जताने आयेंगे।।…

आँखों से पर्दा को हटा

आँखों से पर्दा को हटा | Ghazal Aankhon se Parda ko Hata

आँखों से पर्दा को हटा ( Aankhon se parda ko hata )    मेरी साँसों के धारा से उभरता हुआ, फनकारी देख आँखों से पर्दा को हटा और अपना तरफदारी देख   ऐ सख्स, तू इल्म-ए-उरूज़ देख, मेरी मुहब्बत न देख तुझे है गुरूर खुद पर ज़रा सा तो मेरी कलमकारी देख   मुहब्बत में…

चीर हरण (ककहरा)

चीर हरण | Cheer Haran Par Kavita

चीर हरण ( ककहरा ) ( Cheer haran )   कुरुवंश सुवंश में आगि लगी कुरुपति द्युत खेल खेलावत भारी।     खेलने बैठे हैं पांच पती दुर्योधन चाल चलइ ललकारी।     गुरुता गुरु द्रोण की छीन भई संग बैठे पितामह अतिबलकारी।     घर जारत है फुफकारत है शकुनी जस मातुल कुटिल जुवारी…

दिल के घावों को कहां लोग समझ पाते है

दिल के घावों को कहां लोग समझ पाते है | Sad Ghazal Shayari

दिल के घावों को कहां लोग समझ पाते है ( Dil ke ghav ko kahan log samajh pate hai )     दिल के घावों को कहां लोग समझ पाते है। देख के भी नज़र फेर चले जाते हैं।।   जख़्म देते हैं सभी आज ज़माने वाले। और समझे है के मरहम वो लगा जाते…

बच्चों में बढ़ रही है नशे की लत

बच्चों में बढ़ रही है नशे की लत | Nashe Ki Lat Par Kavita

बच्चों में बढ़ रही है नशे की लत! ( Bachon mein badh rahi hai nashe ki lat )    सिर्फ बालीवुड में ही नहीं- देशभर में बढ़ी है नशे की लत, उछाल आया है बड़ी जबरदस्त। सिर्फ रिया,करिश्मा, दीपिका को ही नहीं- बच्चों , किशोरों को भी लगी है इसकी लत, भैया सोचो कितना है…

कशमकश

कशमकश | Kashmakash shayari

कशमकश ( Kashmakash )   फैसला हक मे है मेरे या मेरी हार हुयी है। बस इसी कशमकश में रात फिर बेकार हुयी है।।   सोचते सोचते आंखों में आगये आंसू, फिर वही बात कि बारिश बहुत दमदार हुयी है।।   तमाशा देखने वालों कभी ये सोचा भी, यहां तक पहुंचने में हश्ती ख़ाकसार हुयी…

दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा

दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा | Ghazal Haal -E- Dil Apna Sunao

दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा   ( Dost haal -e- dil apna sunao jara )      दोस्त हाले दिल अपना सुनाओ ज़रा थे कहा तुम गले से लगाओ ज़रा   क्या किया इतने दिन गांव में ही तन्हा और अपनें बारे में बताओ ज़रा   क्या मिलेगा मुझे प्यार में रुलाकर और मुझको न…

पुत्री और शराबी पिता

पुत्री और शराबी पिता

पुत्री और शराबी पिता   पापा मेरी किताब , मेरे अरमान है,  मेरी खुशी है, मेरा भविष्य है,          सब बेच मेरी खुशियों का          शराब पी गए,   पापा मां का मंगलसूत्र सुहाग है मांग का सिंदूर है,      सब बेच उनके अरमानों का      …

जाने हमनी के का हो गइल बा

जाने हमनी के का हो गइल बा | Bhojpuri bhasha mein kavita

जाने हमनी के का हो गइल बा ? ( Jane hamni ke ka ho gail ba ) काम पर वोट ना केहू मांग#ता, ना केहू दे#ता ! काम कइला से ना कोई खुश होता, ना केहू रूस#ता ! केकरा के देबे के बा# ? पहीलहीं से फिक्स बा ! ओहमे कवनो एने ओने ना होखी-…