मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर

मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर | Ghazal muskurate rahe wo

मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर ( Muskurate rahe wo bina baat par )   मुस्कुराते   रहे    वो   बिना   बात पर। दिल पे  छाते   रहे हर  मुलाकात पर।।   तीर    ऐसे   नजर    से   चलाते   रहे। जुल्म   ढाते   रहे  पस्त  हालात  पर।।   है   नज़र  आ  रहे  हर  तरफ वो  हमें। इस तरह छा गये फिर …

प्यार की लक्ष्मण रेखा

प्यार की लक्ष्मण रेखा | Poem pyar ki lakshman rekha

प्यार की लक्ष्मण रेखा ( Pyar ki lakshman rekha)    तपती ज्वालाओं के दिन हों या ऋतु राज महीना। मेरे प्यार की लक्ष्मण रेखा पार कभी मत करना। नभ समक्ष हो या भूतल हो, तुम मेरा विश्वास अटल हो, रहे पल्लवित प्रेमवृक्ष यह चाहे पड़े विष पीना।।मेरे.. जब जब फूल लगेंगें खिलने, अंगारे आयेंगे मिलने,…

अकेला हूँ चले आओ कहां हो

अकेला हूँ चले आओ कहां हो | Akela hoon shayari

अकेला हूँ चले आओ कहां हो ( Akela hoon chale aao kahan ho )     अकेला हूँ चले आओ कहां हो! न यूं ही छोड़कर जाओ कहां हो   रवानी नफ़रतों की ख़त्म होगी मुहब्बत बनके छाओं कहाँ हो   तुम्हारे घर आया मिलनें को कोई न इतने भाव यूं खाओ कहां हो  …

बुढ़ापा

बुढ़ापा | Poem on budhapa in Hindi

बुढ़ापा ( Budhapa )    शून्य है शेष जीवन हमारा, एक ब्यक्ती का संसार हूँ मैं।   अर्थ वाले जहाँ में निरर्थक, बन गया अब तो बस भार हूँ मैं।   हो गये अपनों के अपने अपने, उनके अरमां के घर बस गये हैं।   लोग पढ़कर जिसे फेंक देते, बासी अब तो वो अख़बार…

शाम ये आज कुछ ढली सी है

शाम ये आज कुछ ढली सी है | Shaam shayari in Hindi

शाम ये आज कुछ ढली सी है ( Shaam ye aaj kuch dhali si hai )   शाम ये आज कुछ ढली सी है। फिर महकती हवा चली सी है।।   लुत्फ मौसम का उठा लो अब तो। आज गर्दें भी कुछ धुली सी है।।   रूख़ बहारों का फिर ना यूं होगा। रूत भी…

बेटी

बेटी | Beti par kavita

बेटी ( Beti )    सृष्टि की संचरित संवेदनित आधार है बेटी। गृहस्थी है समष्टी है वृहद् संसार है बेटी।। स्वर्ग सा ये घर लगे आने से तेरे। मधुर किलकारी सुनी अति भाग्य मेरे। मूर्ति ममतामयी है सहज है संस्कार है बेटी।। गृहस्थी ० सबको बेटी नियति देती है कहां। बेटी न होगी तो बेटा…

हाँ बड़ा देखो खफ़ा अल्लाह है

हाँ बड़ा देखो खफ़ा अल्लाह है | Poem khafa Allah hai

हाँ बड़ा देखो खफ़ा अल्लाह है ! ( Han bada dekho khafa Allah hai )    हाँ बड़ा देखो खफ़ा अल्लाह है ! जब दिलों से ही जुदा अल्लाह है   की इबादत दिल से ही कर लो सभी हाँ दुआ करके मना अल्लाह है   एक दिन मिट जाऐगा सारा जहां हाँ रहेगा बस…

देवों की साज़िश!

देवों की साज़िश | Kavita devon ki saazish

देवों की साज़िश! ( Devon ki saazish )    दिन रात हो रही है बारिश, लगता है देवों ने रची है कोई साजिश! गरीबों के मकान ढ़ह रहे हैं, बारिश की पानी में बह रहे हैं। कमाएं क्या? खाएं क्या? सब यही कह रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक हो चुके हैं जलमग्न, ठप…

ये प्यारे प्यारे बच्चे

ये प्यारे प्यारे बच्चे | pyare bache

ये प्यारे प्यारे बच्चे ये तोतली बोल के बच्चे, मन के अनमोल बच्चे, नवतन के प्यारे बच्चे , सुन्दर सलोने बच्चे, कारेनयन के तारे बच्चे, नियति के सच्चे बच्चे, स्वराष्ट्र के रतन बच्चे, पितृ- मातृ के अच्छे बच्चे, इनका खिला चेहरा देख के, शर्मा जाते हैं फूल देखो  ये प्यारे- प्यारे बच्चे जाते हैं स्कूल…

हाल देखा जो इन बहारों का

हाल देखा जो इन बहारों का | Baharon pe shayari

हाल देखा जो इन बहारों का ( Hal dekha jo in baharon ka )    हाल देखा जो इन बहारों का। दिल तड़पने लगा गुलज़ारों का।।   गुल भी चुभने लगे हैं छूने से। क्या कसूर फिर चमन में ख़ारों का।।   चांद भी कम नज़र में आता है। आब घटने लगा सितारों का।।  …