झाडू

झाडू | Jhadu | Kavita

झाडू  ( Jhadu ) उठ कर सुबह पहला काम…|| 1.सुबह हुई फिर नींद खुली, और हांथ मे ले ली जाती है | सबसे पहले उठ सुबह सबेरे, हर रोज घसीटी जाती है | आंगन कमरे दहलानों का, सब कूडा इकठ्ठा करती है | काम खतम कर सब अपना, कोने मे रक्खी रहती है | उठ…

धुंये के कितने रंग

धुंआ | Dhuaan

धुंआ ( Dhuaan )   धुंये के कितने रंग…|| 1.उठता है ऊपर आसमान, छूने का जनून होता है | उसे देखकर लोगों मे, हलचल सा शुरूर होता है | भीड जमा होती है, जाने कितने सबाल होते हैं | धुंआ कहाँ से उठा है, पता कर के निहाल होते हैं | धुंये के कितने रंग…||…

झाडू वाला

झाडू वाला | Jhadu wala | Kavita

झाडू वाला ( Jhadu Wala )   कचडे वाला आया……|| 1.ये कौन आया सुबह-सुबह, कब से शोर मचाता है | खर-खर की करता आवाजें, हमें सोते हुए जगाता है | कचडा वाला आया कहकर, लम्बी आवाज लगाता है | भैया-भाभी कचडा दे दो, कहकर कचडा ले जाता है | कचडे वाला आया……|| 2.पूँछा मैने माँ…

योग के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक उन्नति

योग पर निबंध | Essay in Hindi on yoga

योग पर निबंध ( Yoga par nibandh )   प्रस्तावना (Introduction) :– जैसा कि मालूम है 21 जून 2015 से हर साल अंतरास्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग के विषय में कहा जाता है कि योग के माध्यम से चित से लेकर शरीर के विभिन्न विकारों को दूर किया जा सकता है। भारत में…

किस पर लिखूँ

किस पर लिखूँ | Poem kis par likhu

किस पर लिखूँ ( Kis par likhu )    1. आखिर,किस पर क्या लिखूँ || कलम उठा ली हांथ मे, कागज कोरा ले लिया | बैठा गया मै सोच के, किसी परी पर कविता लिखूँ |  आखिर,किस पर क्या लिखूँ || 2.लिखने बैठा तो सोच मे पड गया, किस-किस की अदाएं लिखूँ | मगर दिख…

बरसात आ गई

बरसात आ गई | Barsaat aa gayi | Kavita

 बरसात आ गई  ( Barsaat aa gayi )   बरसात आ गई………|| 1.बरसात आ गई, सारे मेढकों की मौज हो गई | टर्र-टर्र की आवाज, सुन्दर सुर की खोज हो गई | वहीं एक और सुरीला सुर, पपीहे की पिहुं पिहुं | मोर का नृत्य देखो, फिल्मी हस्तियां फेल हो गई | बरसात आ गई………||…

यादें

यादें | Yaadein kavita

यादें ( Yaadein )   1. तेरी यादों में दिलये सजा है, इश्क है ये तमाशा नहीं है | वो भी दिल कोई दिल है जहां में, जिसमें तस्वीर तेरी नहीं है | वो भी दिल कोई दिल है जहां ……..||   2. चांद सूरज सितारों में देखा, फूल कलियों,बहारों मे देखा | लौट आई…

वो-सनम्

वो-सनम् | Poem O – Sanam

 वो-सनम्  ( O Sanam )    क्या ? आज भी तुम “वही”हो || 1.एक वक्त था ना तुम मुझे जानते थे,ना मै तुम्हें जनता था | फिर दोनो की उम्र कि जरूरत थी,वक्त का भी फैसला था | न मैने तुम्हें देखा न तुमने मुझे देखा,सिलसिला शुरू हुआ | दिली चाहत थी न कोई सवाल,बातों…

सुनहरी यादें

सुनहरी यादें | Kavita sunheri yaadein

सुनहरी यादें ( sunheri yaadein )   तुमसे मिले थे पहली दफा याद है अब भी मुझे वो तुम्हारी सुनहरी यादें।   भुलाई नहीं जा रही है अब भी दिल से वो सुनहरी यादें जब हम ने बहुत अरमान अपने दिल में संजोए थे सोचा था, मिलेंगे जब भी हम चाहेंगे टूट कर एक-दूसरे को।…

जिन्दगी का सफर

जिन्दगी का सफर | Zindagi ka safar kavita

 “जिन्दगी का सफर”  ( Zindagi ka safar ) सफर जिन्दगी का कठिन है, “नामुमकिन”नहीं || राह-नई मंजिल-नई, हम भी नए जमाने में | जाने कब कहाँ पहुँचेंगे, जाने किस ठिकाने में | जब से जीना सीखा हमने, दिन-रात चुनौती रहती है | सफर हमारा जारी है, स्वीकर हर चुनौती रहती है |   सफर जिन्दगी…