फूल

फूल | Phool kavita

 फूल ( Phool kavita )   –> ये फूलों का संसार, ये फूलों का संसार || 1.फूलों का संसार बेहद रंगीन, सुंदर सुगंधित रहता है | फूलों के साथ जीना सीखो, हर फूल कुछ तो कहता है | लाल-गुलाबी-सफेद-जामुनी, कुछ सतरंगी होते हैं | कुछ तो होते बड़े सुनहरे, कुछ छोटे-छोटे होते हैं | –>…

चन्दन

चन्दन | Chandan kavita

 “चन्दन” ( Chandan : Kavita ) –>”चन्दन तुम बन जाओ”……|| 1.कहने को लकडी है, ठंडक समेटे है | भीनी सी खुशबू है, विष-धर लपेटे है | घिंस के जब पत्थर पर, माथे में लगता है | ऊंगली महकाती है, चन्दन वो लकडी है | –>”चन्दन तुम बन जाओ”……|| 2.चन्दन की राहों में, उलझन हजारों हैं…

आईना

आईना | Aaina kavita

“आईना” ( Aaina : kavita ) –> सच्चाई का प्रतीक है “आईना” || 1.सब कहते हैं सच्चा-झूँठा, किस पर यकीन करें | देख कर चेहरा बातें करते, किस पर यकीन करें | किसके दिल मे क्या रहता, कुछ पता नहीं चलता है | एक आईना झूँठा न बोले, जो सच है सो कहता है |…

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है | Urdu ghazal by Nepali poet

 हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है  ( Hum par koi naqab thodi hai )   ❄️ आइना खुदको क्या समझता है नक़ाब वाला चेहरा दिखाता है तो दिखाने दो हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है ❄️ ये जुगनू घेर लेता है पूरी आसमान को चाँद अकेला है पर किसी से कम थोड़ी है ❄️ रोकर…

आसमान सा बनकर देखो

आसमान | Aasman kavita

 “आसमान” ( Aasman : Hindi poem )   –> आसमान सा बनकर देखो || 1.आसमान कितना प्यारा, फैला चारो ओर है | रंग-बिरंगी छटा बटोरे, मेघों का पुरजोर है | दिन में सूरज किरण लिए, रात में चाँद-सितारे | दिन मे धूप की गर्मी रहती, रात को मोहक नजारे | –> आसमान सा बनकर देखो…

"धरा"नहीं,तो क्या"धरा"

धरा | Dhara kavita

 “धरा”  ( Dhara )     “धरा”नहीं, तो क्या”धरा” || धरती-भूमि-धरा-प्रथ्वी-हम सब का अभिमान है | बसते हैं नर-जीव-जन्तु जो, उन सब पर बरदान है | प्रथम गोद माँ की होती है, दूसरी धरती माता की | प्रथम खुरांक माँ के आँचल से, दूजी धरती माँ की | “धरा”नहीं, तो क्या”धरा” || इसी धरा पर…

सुनहरी सुबह

सुनहरी सुबह  | Kavita

    सुनहरी सुबह   ( Sunahri subah )      सुनहरी सुबह नि:स्वार्थ भाव से प्रतिदिन सुबह आती है || आँख बंद थी अभी, खोए थे मीठे सपनों में | कुछ हंसीन प्यारे पल थे, हमारे अपनों में | तभी सुनहरी धूप ने दस्तक दी, नींद टूट गई | अंगडाई ले कर उठ गए, और…

कितना सहा होगा

कितना सहा होगा | Vedna kavita

 कितना सहा होगा  ( Kitna saha hoga)   कितना सहा होगा उन गर्भवती औरतों ने सड़क पर चलते हुए दर्द नंगे पैरों ,उखड़े कदमों से भूखे पेट और उतरे चेहरे से।। कितनी पीड़ा सही होगी सड़क पर बच्चे को जन्म देते हुए न कोई बिस्तर, न कोई दवा काट कर नाल बच्चे का टपकते अंगों…

बदल गया है | Hindi mein kavita

बदल गया है | Hindi mein kavita

 बदल गया है  ( Badal gaya hai )   बदल गया है लोगों के रहने का,चलने का खाने का, पीने का उठने का,बैठने का एक-दूसरे मिलने का साथ-साथ चलने का ढंग………….।   बदल गया है लोगों के सड़क पर निकलने का सफ़र में जाने का दुकान से खरीददारी का किसी वस्तु को छूने का बाज़ार…

तेरी मोहब्बत में

तेरी मोहब्बत में | Pyar par kavita

 तेरी मोहब्बत में  ( Teri mohabbat mein )   मोहब्बत का नशा मुझे , इस कदर छाने लगा है , कि सपनों में चेहरा , उसी का आने लगा है ,, चेहरा जब भी दिखता है उसका, मन में एक लहर सी छा जाती है, उस समय जुबा खामोश होती है, पर आंखें सब कह…