Peela Rang par Kavita

पीला रंग | Peela Rang par Kavita

पीला रंग

( Peela rang ) 

 

पीली पीली सरसों महकी महका मधुमास सारा।
फागुन का महीना होली रंगों का त्योहार हमारा।

पीत वर्ण गजानन सोहे भर दे रिद्ध सिद्ध के भंडार।
मोदक भोग चढ़े गजानन बरसे वैभव कीर्ति अपार।

शक्ति समृद्धि सुचिता प्रसन्नता उमंग का आधार।
शक्ति दाता समरसता की घर घर बहती रसधार।

मनमानस शीतलता देता बुद्धि विवेक बहे रसधार।
दिव्य दिवाकर किरणों से सौंदर्य सुख देता अपार।

पीतांबर देवन को प्यारा बाघाम्बर भोले शिव धारा।
ओज आभा हर्ष भरा खुशियों का गुण वर्ण सारा।

सुख समृद्धि घर पे आए पीला चंदन मोहन भाए।
रोग दोष पीर हर जाए हल्दी चंदन का लेप लगाएं।

पीले वसन प्रेम बरसाते मान सम्मान समृद्धि लाते।
शुभ गुण सुंदर भाव आते खुशहाली रौनक लाते।

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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