भारतीय संविधान पर कविता | Poem on Indian constitution in Hindi
भारतीय संविधान को नमन करता हूं
( Bhartiya samvidhan ko naman karta hoon )
गणतंत्र का वंदन करता चले लोकतंत्र सरकार
भारतीय संविधान को नमन करता हूं बारंबार
सर्वधर्म समभाव एकता संप्रभुता संविधान
हर नागरिक भाग्य विधाता शील राष्ट्र विधान
न्याय व्यवस्था कार्यप्रणाली अनूठी और बेजोड़
हर दोषी को दंड मिले कानून का मुश्किल तोड़
देशप्रेम की धारायें हो बैरी की हर कोशिश बेकार
मैं भारत के संविधान को नमन करता हूं बारंबार
जहां देश हित राष्ट्रप्रेम की अलख जगाई जाती
सीमा पर तैनात सिपाही रणभेरी बजाई जाती
आम आदमी रहे चैन से जनता को मिले अधिकार
प्रतिभाओं की पूजा जहां प्रेम मधुर मिले व्यवहार
कीर्ति पताका जग लहराए दिलों में पलता प्यार
मैं भारत के संविधान को नमन करता हूं बारंबार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )