कुर्सी की लड़ाई | Political Kavita
कुर्सी की लड़ाई
( Kursi ki ladai )
बड़े-बड़े दिग्गज उतरेंगे, महासमर चुनाव में।
कुर्सी की खातिर नेताजी, होंगे खड़े कतार में।
राजनीति की सेंके रोटियां, सत्ता के गलियारों में।
वोटों का बाजार गर्म हो, वादों की भरमारों से।
कुर्सी की लड़ाई में फिर, उठा पटक जारी होगी।
शह मात का खेल चलेगा, सतरंजी तैयारी होगी।
कुर्सी के लोभी नेताजी, साम दाम अपनाते हैं।
कहीं मोहरे काम करे, कहीं प्यादे पिट जाते हैं।
राजनीति की गलियों में, सर्प आस्तीन पलते देखे।
कुर्सी की लड़ाई ऐसी, विपक्ष आग उगलते देखें।
प्रलोभन गठबंधन भी, सभी पार्टियों में चलता है।
राज में पासा अपना हो, लोभ कुर्सी का पलता है।
जुलूस धरना प्रदर्शन, कुर्सी का चक्कर होता है।
आमसभा संबोधन भारी, प्रचार लक्ष्य सत्ता है।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )