सनम ख़त का मेरे ज़वाब दें | Khat shayari
सनम ख़त का मेरे ज़वाब दें !
( Sanam khat ka jawab de )
सनम ख़त का मेरे ज़वाब दें!
मुहब्बत का तू वो गुलाब दें
छोड़ो भी ये नाराज़गी मगर
लब पे मुस्कुराहट ज़नाब दें
न दें बेवफ़ाई की यादें तू
वफ़ा की कभी तो क़िताब दें
यहां वरना बदनाम होगे हम
दिल के राज़ को तू नक़ाब दें
लबों पे हसीं दें मुहब्बत की
न आंखों में तू रोज़ आब दें
ठुकरा बेदिली से न आज़म को
सनम प्यार का तू गुलाब दें
️