शादी | Shaadi
“शादी”
( Shaadi )
आजकल कुछ लड़कियों की अजीब मानसिकता हो गई है,
मिस्टर परफेक्ट ढूंढने के चक्कर में कुंवारी बैठी रहती है।
कोई 22 से 28 साल की उम्र में शादी करती है,
कोई और 5 साल जीवन साथी तलाशने में लगाती है।
मुश्किल से 12 से 15 साल साथ निभाती है,
38 से 44 साल की उम्र में तलाक ले लेती है।
कोई 1, कोई 2 बच्चो को साथ ले जाती है,
नये हमसफर के साथ नई शुरुआत करना चाहती है।
मजे की बात तो तब सबके सामने आती है,
जब 20 से 50 लाख कमाने वाले का जिक्र करती है।
उनकी एसी मानसिकता उनका लालच दर्शाती है,
वे फिर से एक बार बिना शादी के रह जाती है।
इस शर्त के बाद भी जिनकी शादी हो जाती है,
वे शायद ही इसका आनन्द उठा पाती है।
ढलती उम्र में बिमारियो से घिर जाती है,
मुशकिल से उन खुशियो को जी पाती है।
कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’
सूरत ( गुजरात )
बहुत खूब जी