शाम लगभग नौ बजे | Shaam lagbhag nau Baje
शाम लगभग नौ बजे
( Shaam lagbhag nau baje )
( Shaam lagbhag nau baje )
धीरे-धीरे ( Dhire Dhire ) धीरे-धीरे शम्मा जलती रही, रफ्ता-रफ्ता पिंघलती रही ! दिल तड़पता रहा पल पल, रूह रह-रह मचलती रही ! शोला-जिस्म सुलगता रहा, शैनेः शैनेः रात ढलती रही ! ख़्वाब परवान चढ़ते रहे, ख़्यालो में उम्र टलती रही ! धड़कने रफ्तार में थी ‘धर्म’ सांसे रुक-रुक चलती रही !! डी के निवातिया…
सूर्योदय ( Suryoday ) पूरब में छा गई लाली धूप खिली है मतवाली। रश्मि रथ पर हो सवार सूर्योदय छटा निराली। पंछी कलरव गीत गाते भंवरे मधुबन लहरी गाई। भोर की बेला मुस्काती सूर्योदय हुआ जागो भाई। सूरज किरणें धरती छाई शुभ प्रभात बेला आई। हरियाली ने पांव पसारे मधुर मधुर बही…
शांति का संदेश देता है भारत! ( Shanti ka sandesh deta hai bharat ) ज्ञान की शीतल हवा देता है भारत, मोहब्बत का पाठ पढ़ाता है भारत। दुनिया में मजहब हो सकते हैं कई, मोक्ष का रास्ता दिखाता है भारत। कर्मो का नतीजा भगवान भी झेले, कर्मों का पाठ हमें पढ़ाता है भारत।…
संम्भाल अपने होश को ( Sambhal apne hosh ko ) उत्साह भर कर्मों में अपने जीवन जीना सीख ले, छोड़ अपनों का सहारा खुद भाग्य रेखा खींच ले। भीड़ में है कौन सीखा जिंदगी के सीख को, हाथ बांधे ना मिला है मांगने से भीख को। ढाल ले खुद को ही…
नया साल ( Naya Saal ) सर्द सी इस शाम में सोचा कुछ तेरे नाम लिख दूँ….. शायद लफ्ज़ों की गर्मी से पिघल जाये जमी है जो बर्फ तेरे मेरे दरमियां गिले शिकवे जो हो ‘ गर चले जायें साथ ही जाते हुये साल के…. क्यों न आगाज़ करें इक…
आसिफ की आपबीती ( Asif Ki Aap Beeti ) ****** लगी थी प्यास मंदिर था पास गया पीने पानी थी प्यास बुझानी समझ देवता का घर घुस गया अंदर नहीं था किसी का डर पी कर वापस आया तभी किसी ने पास बुलाया पूछा क्या नाम है? बताया आसिफ है! सुन वो बड़ा ही चौंका…