शिक्षक | Shikshak Par Kavita
शिक्षक
( Shikshak )
ये सच है जन्म पोषण परिवार दे देते हैं।
शिक्षक उसे सफलता का द्वार दे देते हैं।।
जीवन के मनोरथ सकल सिद्ध तुम्हारे हों,
यश कीर्ति बढ़े ऐसा संस्कार दे देते हैं।।
आने का प्रयोजन भी कुछ शेष न रह पाये,
अन्त: तिमिर में सूर्य सा उजियार दे देते हैं।।
बिखरी हुई मृदा से कुछ अधिक तो नहीं थे,
बनके कुम्हार घट का आकार दे देते हैं।।
अज्ञानता की आंच मनस तक न पहुंच जाये,
शुद्ध बुद्ध बना ज्ञान का भण्डार दे देते हैं।।
ऐ मेरे दीप जाकर उजाला करो जग में,
यह आशीर्वाद शिष्य को हरबार दे देते हैं।।
जय हो पूज्य गुरुदेव कृपा सिंधु मुक्ति दाता,
एक आप ही है क्षमा सौ सौ बार दे देते हैं।