हाँ उधर से गुलाब आ जाये | Special love Shayari
हाँ उधर से गुलाब आ जाये!
( Han udhar se gulab ajaye )
हाँ उधर से गुलाब आ जाये!
प्यार का कब ज़वाब आ जाये
कब तक मैं इंतिजार देखूँ रब
इश्क़ की अब क़िताब आ जाये
मुझको रुला गया मुहब्बत में
उसकी आँखों में आब आ जाये
कर गये बेवजह दुखी मुझको
दोस्त उनपे अज़ाब आ जाये
उस हंसी का दीदार कर लूँ मैं
वो मगर बेहिजाब आ जाये
दिल को आये क़रार “आज़म” के
मिलनें को अब ज़नाब आ जाये
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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Very very much Yar dil khush ho gya