ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi
ले गया सकूँ
( Le gaya sukoon )
न रही उसको अब उल्फ़त है ?
ले गया सकूँ सब राहत है
चोट लगी ऐसी दग़ा की कल
अब उल्फ़त दिल से रुख़सत है
गुल न लिया चाहत का उसने
टूटी दिल की ही हसरत है
उल्फ़त में ऐसा टूटा दिल
न यहाँ दिल को अब फ़ुरसत है
हिज्र का दर्द मिला है ऐसा
दिल में होती अब गफ़लत है
उसने जानें से ए गीता
दिल में हर पल ही ख़लवत है
गीता शर्मा
( हिमाचल प्रदेश )