आग | Aag par kavita
आग ( Aag ) जीवन में आग का महत्व……|| 1.एक दम पवित्र एक दम तेज, देवों मे भी एक है | खुद मे हर चीज मिलाती, काम भी उसके नेक है | सुख-दुख मे काम आती, रोशनी उज्वलित होती है | अपनी छाप छोड़ती जब, अग्नी प्रज्वलित होती है | जीवन में आग का…
आग ( Aag ) जीवन में आग का महत्व……|| 1.एक दम पवित्र एक दम तेज, देवों मे भी एक है | खुद मे हर चीज मिलाती, काम भी उसके नेक है | सुख-दुख मे काम आती, रोशनी उज्वलित होती है | अपनी छाप छोड़ती जब, अग्नी प्रज्वलित होती है | जीवन में आग का…
वादा कर लो ( Wada karlo ) जब लक्ष्य बना ही ली हो, तो हर कीमत पर उसे पाने का भी अब वादा कर लो और कर लो वादा कभी हार ना मानने का, एक जज्बा जगा लो दिल में, एक जुनून खुद में ला लो, समर्पित कर दो स्वयं को, …
मधु-मक्खी ( Madhumakhi ) मधु-मक्खी की महानता …..| 1.सौ शहर-सौ खेत गई, सौ कलियों से मुलाकात हुई | साथ मे लाखों साथी लेकर, सौ गलियों से शुरुवात हुई | मुख मे मधुरस भरकर, पहुँच गई अपने ठिकाने मे | दिन-रात मेहनत करती, लगती हैं शहद जुटाने मे | मधु-मक्खी की महानता …..| 2.फूलों से…
सपनों के लिये ( Sapno ke liye ) हम अपने हर सपनों को सच कर सकते हैं, चाहे वो चांद पर जाना हो या हो कोई और लक्ष्य बस इच्छा हो, सनक हो एक जुनून मन में हो, एक चाहत हो, जो कभी कम न हो। सपनों को सच करने के लिए इस पर…
मधु ( Madhu ) शहद बडी गुणकारी…..|| 1.शहद बडी गुणकारी, रहतीं दूर अनेक बिमारी | अमृत सा गाढा मीठा द्रव्य, कुदरत की कलाकारी | मधु की रचना मक्खी करती, फूलों से रस लेकर | फूलों को खुश कर देतीं हैं, मीठी सी बातें कहकर | शहद बडी गुणकारी…..|| 2.शहद से निकले छत्ते को, मोम…
खामोशी विरोध की भाषा ( Kavita khamoshi virodh ki bhasha ) ये खामोशी, सहमति नहीं विरोध की भाषा है! यह तो मजबूरी है, सहमति में बदल जाना किसी तकलीफ देय घटना के डर से! एक वक्त आएगा सब्र का घड़ा भर जाएगा तब नही होगी कोई मजबूरी न किसी प्रकार का कोई डर तब…
गुजारिश आपसे ( Guzarish aap se ) गुजारिश आपसे, मेरे ख्याल को सराह दिया जाए अपने दिल में इस ग़ैर मुस्तहिक़ को पनाह दिया जाए ये बात नहीं आसान इतनी दिकत के लिए जो हो हमें सजा दिया जाए क्या पसंदीदा और क्या ना-पसंदीदा अल्फ़ाज़ को बस अल्फ़ाज़ की दर्ज़ा दिया जाए…
किसान ( Kisan ) क्या करें मजबूर किसान….|| 1.बैलों को हल मे नह दिया, पसीना बहाये किसान | सून-सान पड़ी जमीन पर, हल रहा चलाये किसान | बीज डाल पानी सींचा, अब चौंकीदारी होने लगी | भरपूर फसल का सपना ले, खुशिहाली होने लगी | क्या करें मजबूर किसान….|| 2.दिन दोपहरी रात-दिन, मेहनत कड़ी…
झाडू ( Jhadu ) उठ कर सुबह पहला काम…|| 1.सुबह हुई फिर नींद खुली, और हांथ मे ले ली जाती है | सबसे पहले उठ सुबह सबेरे, हर रोज घसीटी जाती है | आंगन कमरे दहलानों का, सब कूडा इकठ्ठा करती है | काम खतम कर सब अपना, कोने मे रक्खी रहती है | उठ…
झाडू वाला ( Jhadu Wala ) कचडे वाला आया……|| 1.ये कौन आया सुबह-सुबह, कब से शोर मचाता है | खर-खर की करता आवाजें, हमें सोते हुए जगाता है | कचडा वाला आया कहकर, लम्बी आवाज लगाता है | भैया-भाभी कचडा दे दो, कहकर कचडा ले जाता है | कचडे वाला आया……|| 2.पूँछा मैने माँ…