कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है
कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है हर किसी से मिली मुझको दरकार है उठ रहा है दिल में नफ़रतों का शोला लूंगा बदला कर गया जो दिल आजार है हाल अपना किसी मैं सुनाऊँ भला शहर में कोई अपना नहीं यार है बात…