Hey Kavi

हे कवि | Hey Kavi

हे! कवि  ( Hay kavi )      हे कवि! कविता कुछ खास लिखो अंतर्मन का विश्वास लिखो रुक रुक कर कलम चलाओ ना खुल कर अपनी हर बात लिखो   तुम कवि तुमको अधिकार मिला कलमों जैसा हथियार मिला धिक्कार है तेरी कलमों को यदि सच का ना इतिहास लिखा।   श्रृंगार वीरता लिखते…