पहला प्यार

Romantic Ghazal | Love Ghazal -पहला प्यार

पहला प्यार (Pahla Pyar )   हृदय को तोड बताओ ना, कैसे तुम हँस लेते हो, बिना सोचे समझे कुछ भी तुम, मुझसे कह देते हो।   प्यार करते है तुमसे पर, मेरे भी कुछ अरमां है, जिसे कदमों से मसल कर,जब जी चाहे चल देते हो।   क्या मेरे दिल की बातें, तेरे दिल…

सजा

Hindi Poetry On Life | Hindi Ghazal -सजा

सजा ( Saza )     मेरी गलतियों की मुझको सजा दे गया, बेवफा  था   मुझे   वो   दगा   दे  गया।     क्या   बताए   हमें   क्या सजा  दे गया, मेरी खुशियों  के  सपने  जला  के गया।     आइने  सा  ये  दिल तोड कर चल दिया, इतने  टुकडे किये कि मैं गिन ना सका।  …

बाजार

Hindi poem on Bazaar | Hindi Kavita -बाजार

बाजार ( Bazaar ) गहन तम में उजाले कि,क्यो मुझसे बात करते हो। अन्धेरों मे ही जब मुझसे वफा की, बात करते हो।   नही पहचान पाते हो जब मुझे, दिन के उजालों में, मोहब्बत वासना है फिर भी क्यो जज्बात कहते हो।   ये महफिल है मोहब्बत की,शंमा हर रात जलती है। सुलगते  जिस्म …

Man ki Baaten

Best Hindi Kavita | Best Hindi Poetry -मन की बातें

मन की बातें ( Man ki Baaten )     इस रात मे  तन्हाई  हैं, बस मैं हूँ और परछाई है। खामोश से इन लम्हों में, हुंकार और रूसवाई है।   ऐसे मे तुम आ जाओ गर,खामोशी में शहनाई है। कहता है मन बेचैन है,तुम आ मिलो ऋतु आई है।   ठण्डी हवा मदमस्त है,फिंजा…

मिलेंगे दर्द दुनिया से बचोगे तुम भला कब तक
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Hindi Poetry On Life -मिलेंगे दर्द दुनिया से बचोगे तुम भला कब तक

मिलेंगे दर्द दुनिया से बचोगे तुम भला कब तक ( Milenge Dard Duniya Se Bachoge Tum Bhala Kab Tak )     मिलेंगे दर्द  दुनिया से  बचोगे   तुम भला कब तक। यहां अपने-पराये सब  चुनोगे तुम भला कब तक।।   गए तन्हा तुझे जो छोङ  कर मत आस कर उनकी। ग़मों से वास्ता  रखना  डरोगे …

कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं

Hindi Ghazal | Hindi Poem -कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं

कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं ( kuch Baten Darpan Se Bhi Kar Loon )     कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं शायद ख़ुद के होने का एहसास हो जाए।     समेटकर केश को जरा बांध लूं स्त्री के मर्यादाओं का आभास हो जाए।     मुद्दत हो गए निहारे ख़ुद…

जिसके हुई उल्फ़त में जख़्मी रुह है

Sad Ghazal | Sad Poetry In Hindi -जिसके हुई उल्फ़त में जख़्मी रुह है

जिसके हुई उल्फ़त में जख़्मी रुह है ( Jiske Hui Ulfat mein Zakhmi Ruh Hai )     जिसके हुई उल्फ़त में जख़्मी रुह है यादों में हर पल उसकी डूबी रुह है   जख़्मी जख़्मी हुई है इतनी प्यार में कब चैन से ही मेरी रहती रुह है   उस चाँद सी सूरत के…

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

Hindi Poetry -माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं ( Mana Tum Apne Ho Par Girvi Kaise Iman Rakh Doon )   माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं , बेहाया  तुम्हारे  हाथो  में कैसे हिंदुस्तान रख दूं । जलते हो तपते हो गलते हो पर मुल्क से बड़े नहीं हो,…

प्रेम दीवानी!

Hindi Ghazal | Hindi Romantic Poetry -प्रेम दीवानी!

प्रेम दीवानी! ( Prem Deewani ) ***** छलकती आंखों से वो ख्वाब दिखता है, महबूब मेरा बस लाजवाब दिखता है। पहन लिया है चूड़ी बिंदी पायल झुमका, आ जाए बस तो लगाऊं ठुमका! बैठी हूं इंतजार में, दूजा दिखता नहीं संसार में। लम्हा लम्हा वक्त बीत रहा है, जाने कहां अब तक फंसा हुआ है?…

कल्पना

Romantic Poetry In Hindi | Hindi Kavita -कल्पना

कल्पना (Kalpana )   नमक है पोर पोर में सुन्दर बडी कहानी तेरी। सम्हालोगी कैसे  सूरज  सी गर्म जवानी तेरी।   भँवर बन कर हुंकार डोलता है तेरे तन मन पे। हृदय के कोने में अब भी है वही निशानी तेरी।   रूप  तेरा ऐसा की देख, सभी का यौवन मचले। कुँवारो का  दिल जैसे …