नाम नही

Kavita | नाम नही

नाम नही ( Naam Nahi )   संघर्षो  के  रूग्ण धरातल, पे अब उनका नाम नही। जाने कितने कटे मरे पर, कही भी उनका नाम नही।   ये आजादी चरखे के, चलने से हमको नही मिली, लाखों ने कुर्बानी दी पर, कही भी उनका नाम नही।   बूंद बूंद मिलती है तब ये, सागर विस्तृत…

ये क्या हो रहा है

Kavita | ये क्या हो रहा है

ये क्या हो रहा है  ( Ye Kya Ho Raha Hai )     घर से बाहर निकल कर देखिए- मुल्क़ में ये क्या हो रहा है, सबका पेट भरने वाला आजकल सड़कों पर भूखे पेट सो रहा है । मुल्क़ में ये…   खेतों की ख़ामोशियों में काट दी जिसने अपनी उम्र सारी, बुढ़ापे…

कैसा दौर जमाने आया

Ghazal | कैसा दौर जमाने आया

कैसा दौर जमाने आया ( Kaisa Daur Jamane Aya )   कैसा   दौर   जमाने   आया। लालच है हर दिल पे छाया।।   बात  कहां  वो अपनेपन की। सब कुछ लगता आज पराया।।   कोई  सच्ची  बात  न  सुनता। झूठ सभी के मन को भाया।।   कौन किसी से कमतर बोलो। रौब  जमाते  सब  को  पाया।।…

अनमोल धरोहर

Kavita अनमोल धरोहर

अनमोल धरोहर ( Anmol Dharohar )   बेटी हैं अनमोल धरोहर, संस्कृति और समाज की। यदि सभ्यता सुरक्षित रखनी, सींचो मिल सब प्यार से ।।   मां के पेट से बन न आई, नारी दुश्मन नारी की । घर समाज से सीखा उसने, शिक्षा ली दुश्वारी से।।   इच्छाओं को मन में अपने, एक एक…

धीरे-धीरे

Kavita धीरे-धीरे

धीरे-धीरे ( Dhire Dhire )     साजिश का होगा,असर धीरे-धीरे। फिजाँ में घुलेगा ,जहर धीरे-धीरे।   फलाँ मजहब वाले,हमला करेंगे, फैलेगी शहर में,खबर धीरे-धीरे।   नफरत की अग्नि जलेगी,हर जानिब, धुआँ-धुआँ होगा,शहर धीरे-धीरे।   मुहल्ला-मुहल्ला में,पसरेगा खौप, भटकेंगे लोग दर,बदर धीरे-धीरे।   सियासत के गिद्ध,मँडराने लगेंगे, लाशों पर फिरेगी,नज़र धीरे-धीरे। कवि : बिनोद बेगाना जमशेदपुर, झारखंड…

बिटिया रानी

Kavita Bitiya Rani | Hindi Kavita – बिटिया रानी

बिटिया रानी ( Bitiya Rani )     बिटिया जब डाँट लगाती है , वो दिल को छू जाती है l   बिटिया जब दुलराती है , मन को बहुत लुभाती है l   बिटिया जब हंसती है , रोम रोम पुलकित हो जाता है l   बिटिया के रोते ही , तन मन सब…

चन्द्रशेखर आजाद को श्रद्धा सुमन

Kavita On Chandrashekhar Azad -चन्द्रशेखर आजाद को श्रद्धा सुमन

चन्द्रशेखर आजाद को श्रद्धा सुमन ( Chandrashekhar Azad Ko Shradha Suman ) भारत  भूमि  जब  जब  सम्मान  से  सिर झुकायेगी हर मुकाम पर हिन्द को चन्द्रशेखर की याद आयेगी   ऐसा किया ऊँचा मस्तक भारत गौरव के अभिमान का धूल चटाकर प्राण हरे खुद दृश्य सन 31 के सग्राम का   आजाद  हिंद  फौज  से…

काव्य जगत के नन्हें दीप

Hindi Kavita | Hindi Poetry -काव्य जगत के नन्हें दीप

काव्य जगत के नन्हें दीप ( Kavy Jagat Ke Nanhen Deep )   नया कुछ गीत गाए हम बच्चों संग बच्चा बन जाएं हम उलझन की इस बगीया में खुशीयो के फूल खिलाये हम   बाते चाद सितारो की ना ना बाते जमी आसमाँ की हो बाते जगमग जुगुनू की और रंग बिरंगी तितली की…

बाप

Hindi Kavita | Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -बाप

बाप ( Baap ) १. बाप रहे अधियारे  घर में बेटवा क्यों उजियारे में छत के ऊपर बहू बिराजे क्यों माता नीचे ओसारे  में २. कैसा है जग का व्यवहार बाप बना बेटे का भार जीवन देने वाला दाता क्यों होता नहीं आज स्वीकार ३. कल तक जिसने बोझ उठाया आज वही क्यों  बोझ  बना…

चार लाइनें

Hindi Kavita | चार लाइनें

अपने कभी भी संभल नहीं पाते हैं।जब अपने छोड़ चले जाते हैं।जीना हो जाता कितना दूभर,यह हम तभी समझ पाते हैं ! सुमित मानधना ‘गौरव’ —0— उम्मीदें एक उम्मीदें ही है जो कभी हारती नहीं।बस कोरी बातें ही जिंदगी संवारती नहीं।माथे से मेहनत का पसीना जब गिरता है।सच में आदमी का भाग्य तभी फिरता है।…