आफर

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -आफर

आफर ( Offer )   क्या  कोई  ऐसा  भी  है  जो, दुखी  हृदय  घबराए। प्रेम दिवस पर मुझे बुलाकर,पिज्जा, केक खिलाए।   इससे  पहले  भाग्य  अभागा, सिंगल  ही मर जाए। फोन  करे  हुंकार  को  पहले, आकर  आफर पाए।   आँखों  मे  आँखो  को  डाले, मन  की  बात  करेगे। पुष्प  गुलाब  का  तुम  ले आना, बालों…

उलझन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -उलझन

उलझन ( Uljhan )   मचा  हुआ  है  द्वंद  हृदय में, कैसे इसको समझाए। यायावर सा भटक रहा मन, मंजिल तक कैसे जाए।   उलझी  है जीवन  हाथों की,टेढी मेढी  रेखाओ में। एक सुलझ न पायी अब तक,दूजी कैसे सुलझाए।   वो मुझको चाहत से देखे,  पर मन मेरे और कोई। मेरे मन मे रमा…

छोड़ो कल की बातें

Chhodo Kal Ki Baatein | Kavita -छोड़ो कल की बातें

छोड़ो कल की बातें ( Chhodo Kal Ki Baatein )   छोड़ो कल की बातें जल्दी से संभालो अपना आज; क्योंकि इसी में छिपे हैं- तुम्हारी सफलता के सारे राज छोड़ो कल की बातें ।   कल क्या हुआ, कल क्या होगा इसकी क्यों करते हो फ़िक्र ? वर्तमान में जो लक्ष्य दिखता उस तक…

शिक्षा

Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा

शिक्षा ( Shiksha )   जगत में शिक्षा है आधार। शिक्षा बिना धुंध सा जीवन शिक्षा मुक्ती द्वार।। जगत में० ।। अनपढ़ मूढ़ निरक्षर क्या -क्या शव्द बुलाये जाते, इन  लोगों  से  भेड़  बकरियां  पशु चरवाये जाते, पढ़ें – लिखे मुट्ठी भर लोग तब करते अत्याचार।। जगतमें० ।। शिक्षा बिना न मिले नौकरी दर-दर ठोकर…

बचपन

Kavita On Bachpan | Hindi Kavita | Bachpan Kavita -बचपन

बचपन ( Bachpan ) कितना सुंदर बचपन का जमाना होता था खुशियों का बचपन खजाना होता था । चाहत चांद को पाने की दिल तितली का दीवाना होता था । खबर ना थी सुबह की बस शाम का ठिकाना होता था । थक हार कर स्कूल से जब आते झटपट खेलने भी जाना होता था…

बजट -2021

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -बजट -2021

बजट -2021 ( Budget -2021 )   देश की परंम्परा निभाने का दिन आया  है अपने  देश  ने  वार्षिक  बजट दिखाया है   महिला मजदूर उद्योगपतियों कृषको  सभी के लिए चुनौति बन कर आया है     सीतारमण ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है नौकरीपेशा  को  थोड़ी राहत दिलवाई है   सरकारी गैरसरकारी सब के लिए…

भाग्यहीन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -भाग्यहीन

भाग्यहीन ( Bhaagyaheen )   कहाँ  गए  रणछोड  द्रौपदी, पर  विपदा अब भारी है। रजस्वला तन खुले केश संग,विपद में द्रुपद कुमारी है।   पूर्व जन्म की इन्द्राणी अब, श्रापित सी महारानी है। पांच महारथियों की भार्या, धृत की जीती बाजी है।   हे केशव हे माधव सुन लो, भय भव लीन बेचारी है। नामर्दो…

पहेली

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -पहेली

पहेली ( Paheli)   जय विजय के बीच मे लो, मै पराजित हो गया। सामने मंजिल थी मेरी , पर मै थक के सो गया।   अपनो पे विश्वास कर मै खुद ही खुद से ठग गया। आँख जब मेरी खुली तब तक, लवारिस हो गया।   छोड करके जा चुके थे जो मेरे अपने…

पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?

Hindi Poetry On Life -पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?

पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी? ( Patrakar Ki Giraftari Par Apno Ki Chuppi ) ************ बोल नहीं जुटेंगे उनके बड़ा झोल है मन में उनके संरक्षण में पलने वाले मौका खोजते कब भड़ास निकालें? बारी जब विपक्ष की हो! सत्ता पक्ष आते ही, कैसे छिपा लें? कैसे दबा दें? नमक का कर्ज जल्द…

सास बनने का जुनून

Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -सास बनने का जुनून

सास बनने का जुनून ( Saas Banne Ka Junoon )   मेरे  पतझड  में  फूल  खिल  आया आज सुबह ही बेटे के लिए रिश्ता आया   मुझे भी  सास बनने का जुनुन चढ़ आया दिल में रंग बिरंगे फूलो का बगीचा उगाया   रिश्ते वालो की खातिर तव्वजो जम के की बेटे  की  खामियाँ  तारीफ…