सियासत बहुत है

सियासत बहुत है | Siyasat Par Kavita

सियासत बहुत है ( Siyasat bahot hai )   मेरी तालीम मुझसे कहती सियासत बहुत है… हंसती दुनिया को रुलाती सियासत बहुत हैl   कोई हमें बताए जरा हम महफूज कैसे रहे ….. भाई को भाई से लड़ाती सियासत बहुत है।   फूलों की खुशबू सा महकता जीवन अपना …. हवाओं में  जहर घोलती  सियासत…

कुर्बानियां आंदोलन के चक्रव्यूह में मिली हमें आजादी थी

“कुर्बानियां आंदोलन के चक्रव्यूह में मिली हमें आजादी थी”

“कुर्बानियां आंदोलन के चक्रव्यूह में मिली हमें आजादी थी” क्रांतिकारियों के हृदय में भड़की आजादी की चिंगारी थी। गुलामी के प्रांगण में, रची आजादी की कहानी थी। वह तो स्वतंत्रता सेनानी की कुर्बानी थी। वह तो स्वतंत्रता सेनानी की कुर्बानी थी। लाल कुर्ती में बजाया आजादी का था बिगुल। छेड़ कर महासंग्राम चटाई अंग्रेजों को…

नाग पंचमी विशेष

नाग पंचमी विशेष | Nag Panchami Par Kavita

नाग पंचमी विशेष ( Nag Panchami Par Kavita )   इक प्याले मे दूध लिए, पत्नी आई मुस्कराई। तुमको मेरे प्राण नाथ, नाग पंचमी की बधाई।   पी लो हे प्रिय नटराजा के, विष तो तुमरी वाणी है। एक वर्ष में एक बार ही, विष में धार लगानी है।   क्यों मै ढूंढू अन्य नाग…

Yah mera hindustan hai

यह मेरा हिंदुस्तान है | Hindi Poetry

यह मेरा हिंदुस्तान है ( Yah mera hindustan hai )   यह मेरा हिंदुस्तान है, यह मेरा हिंदुस्तान है। ध्वज तिरंगा हाथों में, ले राष्ट्रगीत गाते हैं।   सरहद के सिपाही, सीमा के सभी जवान। आंधी तूफानों से भिड़, आगे बढ़ते जाते हैं।   कूद पड़े मैदानों में, धरती मां के लाडले। बलिदानी राहों पर,…

हृदय मेरा पढ़ पाए

हृदय मेरा पढ़ पाए | kavita

हृदय मेरा पढ़ पाए ( Hriday mera padh paye )   अन्तर्मन में द्वंद बहुत है, जाकर किसे दिखाए। ढूंढ रहा हूँ ऐसा मन जो, हृदय मेरा पढ़ पाए।   मन की व्याकुलता को समझे,और मुझे समझाए। राह दिखे ना प्रतिद्वंदों से, तब मुझे राह दिखाए।   बोझिल मन पर मन रख करके,हल्के से मुस्काए।…

शिव महिमा

शिव महिमा | Shiv Mahima Par Kavita

शिव महिमा  ( Shiv Mahima Par Kavita )   हिम शिखरों से भोले के, जयकारे आते है, शंख और डमरू मिलकर, शिव कीर्तन गाते हैं।   शिव ही गगन धरा भी शिव ही, हमें बताते है, गान संग है गीत भी शिव, हम महिमा गाते हैं।   पंचतत्व निर्मित शिव से, शिव रूप दिखाते है,…

कजरी 'सावन'

कजरी सावन | Sawn Par Kavita

कजरी ‘सावन’ ( Kajari savan )   अबकी सावन में हमै चाही चीज मनमानी सैंया। बरसइ रिमझिम पानी सैया, सबदिन कहां जवानी सैंया ना।। सासु ससुर तीरथ यात्रा पर चार महीने डटे रहें। ननद रहे ससुराल में अपने जेठ भी घर से हटे रहें। पास पड़ोसी घर न आवै दूर-दूर ही कटे रहें। नदी नार…

बचपन के दिन

बचपन के दिन | kavita

बचपन के दिन ( Bachapan ke din ) पलकों  पे  अधरों  को  रख कर, थपकी देत सुलाय। नही रहे अब दिन बचपन के, अब मुझे नींद न आय।   सपने  जल गए भस्म बन गई, अब रोए ना मुस्काए, लौंटा दो कोई  बचपन के दिय, अब ना पीड़ सहाय।   किससे मन की बात कहे,…

क्रांतिवीर

क्रांतिवीर | Kranti Diwas Par Kavita

क्रांतिवीर ( क्रांति दिवस पर अमर शहीदों के जज्बातों को सादर वंदन )   है हिमालय सा हौसला, सागर सी गहराई है। क्रांति काल में वीरों ने, प्राणों की भेंट चढ़ाई है। हंसते-हंसते झूल गए, वो क्रांतिवीर कमाल हुए। राजगुरु सुखदेव भगतसिंह, भारत मां के लाल हुए।   आजादी का दीवाना, वो जिद पर अड़…

सुमन हिय के खिल गये

सुमन हिय के खिल गये | Geet

सुमन हिय के खिल गये ( Suman hiye ke khil gaye )   मुस्कान लबों पर आए, सब मिल गीत गाए। खुशियों की बारिश में, हमको नहाना है। उर प्रेम भाव पले, आशाओं के दीप जगे। प्यार भरे दीप हमें, दिलों में जगाना है।   भाव उर में खिल उठे, सपने सुनहरे सजाना है। रौनक…