महारानी लक्ष्मी बाई | Maharani Laxmi Bai Par Kavita
महारानी लक्ष्मी बाई ( Maharani Laxmi Bai ) आजादी की चिंगारी थी बैरियों पर भारी थी गोरों के छक्के छुड़ाए लक्ष्मी वीर नारी थी तेज था तलवारों में ओज भरा हूंकारों में रणचंडी पराक्रमी हजारों पर भारी थी क्रांति काल की कहानी वो झांसी की महारानी बिगुल बजाया रण का राष्ट्र पुजारी…