हसीन सपने

Hasya Kavita in hindi | हसीन सपने

हसीन सपने ( Haseen sapne )   बैठे थे हम महफिल में, हसीनो के बीच, बालों को रंगवा कर। और हरकत थी कुछ ऐसे जैसे 60 में से 40 घटा कर। महफिल भी जवां और दिल भी जवां। मन में सावन ऐसे झूम रहा था, जैसे आवारा, बादल चूम रहा था। हमने भी, हमने भी,…

अधरों पर मुस्कान है कविता

Kavita | अधरों पर मुस्कान है कविता

अधरों पर मुस्कान है कविता ( Adharon par muskan hai kavita )   अधरों पर मुस्कान है कविता कवि ह्दय के भाव है कविता उर  पटल  पर  छाप छोड़ती सप्त सुरों की शान है कविता   वाणी का उद्गार है कविता वीणा की झंकार है कविता छू  जाती  मन  के तारों को देशभक्ति का गान…

वैश्विक तापवृद्धि

Kavita | वैश्विक तापवृद्धि

वैश्विक तापवृद्धि ( Vaishvik Tap vridhi )   पहुँचाकर क्षति प्राकृतिक संपदा को हे मानव तुम इतना क्यों इतराते हो यह पर्यावरण तुम्हारे लिए है इसमें तुम अपने ही हाथो आग लगा कर वैश्विक   ताप   बढ़ाते   हो  ।।   जब जंगल होगा तब मंगल होगा यही समझना होगा अब सबको! पर्यावरण को दूषित करने बालों…

कुंभ की धार्मिक महत्व

Kavita | कुंभ की धार्मिक महत्व

कुंभ की धार्मिक महत्व ( Kumbh ka dharmik mahatva )   सनातन धर्म की पौराणिकता को, याद दिलाता है यह कुंभ । बारह वर्षों में एक बार ही , आता है यह कुंभ ।   सभी देवों का धरती पर , होता जिस पल आगमन । संघ साधु संत के सानिध्य का , अवसर दे…

बच्चों की हिन्दी लिखावट

hindi poem on child | बच्चों की हिन्दी लिखावट

बच्चों की हिन्दी लिखावट ( Bacchon ki hindi likhawat )   देख टूट रही है आशा, छा रही मन में निराशा। दशा व दिशा, सुन उनके मन की व्यथा; कहूं क्या मैं कथा? देख सुन हैरान हूं, परेशान हूं। लकीरें चिंता की खिंच आई हैं, लाकर काॅपी जो उसने दिखाई है। माथा पकड़ लिया हूं,…

समझदार हुए बच्चे:हम कच्चे के कच्चे

Hindi poem on child | समझदार हुए बच्चे:हम कच्चे के कच्चे

समझदार हुए बच्चे:हम कच्चे के कच्चे ( Samajhdar Hue Bache : Hum kache ke Kache )   वह खेल रहा था खेले ही जा रहा था सांप हिरण शेर हाथी और जिब्रा से बिना डरे बिना थके बिना रूके कभी उनके लिए घर बनाता तो कभी छत पर चढ़ाता कभी झूला झुलाता कभी गिराता उठाता…

सीख दे गई

सीख दे गई | Kavita Seekh

सीख दे गई (Seekh De Gayi ) सूखी टहनी उड़ आई मेरे पास थी उसे कुछ कहनी बोली मुझे न काटा कर जरूरत भर मांग लिया कर मैं खुशी खुशी दे दूंगी नहीं हूं बहरी गूंगी सुनती हूं सब कुछ देखती हूं तेरे व्यवहार सहकर तेरे अत्याचार भी कुछ कहती नहीं इसका क्या मतलब दोगे…

कन्या और दान

कन्या और दान | shadi poem in hindi

*कन्या और दान* ( Kanya Or Daan )    जबसे बिटिया हुई सयान चिंता में है बाप की जान  नित्य  धरावे  नारी  ध्यान  जल्दी कर दो कन्यादान  घर -वर ढूढ़े फिर बाप परेशान कहां   मिले   अच्छा  मेहमान घर मिले अच्छा तो वर नहीं अच्छा बर  मिले  अच्छा तो घर नहीं अच्छा घर- वर अच्छा तब…

याद सताए तेरी सोन चिरैया

याद सताए तेरी सोन चिरैया | Kavita

याद सताए तेरी सोन चिरैया ( Yad Sataye Teri Son Chiraiya )   कहां गई? वो सोन चिरैया! रहती थी जो सबके घर आंगन चाहे महल हो या हो मड़ैया! कहां गई?? क्या खो हो गई? या रूठ कर हमसे दूर हो गई? भारत मां की थी तू लाडली, मिलजुलकर सबने जिसे थी पाली। करती…

मन का संसय

मन का संसय | Kavita

मन का संसय ( Man ka Sansay )   उम्मीद हमारी तुमसें है, देखों  यह  टूट न जाए। विश्वास का धागा ऐसा है जो,पास तेरे ले आए।   मन जुड़ा हुआ है श्याम तुम्ही से,तू ही राह दिखाए। किस पथ पहुचें द्वार तेरे, उस पथ को आप दिखाए।   भटकत मन को बांध सका ना,शेर…