बावरा मन

Romantic Poetry In Hindi -बावरा मन

बावरा मन ( Bawara Man )     बावरा   मन   मेरा,  हर  पल  ढूंढे   तुमको। नैना द्वारे को  निहारे, एकटक देखे  तुमको।   प्रीत  कहते  है  इसे, या  कि कोई रोग है ये। जो  झलकता तो नही, दर्द  का संयोग है ये।   कहना चाहूं कह न पाऊं, ऐसा  मनरोग है ये। झांझरी सा मन…

नर से धीर है नारी

Hindi Kavita On Women -नारी

नारी ( Nari Kavita )   नर से धीर है नारी … घर में दबी बेचारी , कभी बेटी कभी बहू बने , कभी सास बन खूब तने, एक ही जीवन कितने रूप , धन्य भाग्य तुम्हारी नर से धीर है नारी… कभी यह घर अपना , कभी वह घर अपना जिस घर जाए वहीं…

रहे तन-मन सदा अपना वतन के वास्ते जग में

Desbhakti Kavita -रहे तन-मन सदा अपना वतन के वास्ते जग में

रहे तन-मन सदा अपना वतन के वास्ते जग में ( Rahe Tan-Man Sada Apana Watan Ke Waste Jag Mein )   रहे  तन-मन  सदा अपनावतन के वास्ते जग में। बहारें  खुद  चली आती  चमन के वास्ते जग में।।   उसी  को थाम के  चलते वही रहता दिलों में है। तिरंगा पास में रखते कफ़न के…

गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक

Sad Shayari -गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक

गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक ( Gujari Jindagi Sukh KI Abhi Tak )     गुजारी जिंदगी सुख की अभी तक दुखो से ही भरी ये जिदगी है   अपनों के तंज इतने है मिले के दिल पे ही  चोट  गहरी सी लगी है   मुहब्बत से नहीं देखा कभी भी यहां तो नफ़रत…

प्रतिघात

Hindi Kavita On Life -प्रतिघात

प्रतिघात ( Pratighaat )   लिख दिया मस्तक पटल पर, वाद का प्रतिवाद होगा। बन्द  दरवाजे  के  पीछे, अब  ना  कुछ संवाद  होगा। जो भी कहना है  मुझे  कह लो, मगर ये  याद  रखना, शेर  के  शब्दों  में  भी  है, घात  का  प्रतिघात होगा।   रूग्ण  जीवन  अब  नही  है, मास  मे   मधुमास  होगा। सुन…

हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले

Hindi Poetry On Life -हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले

हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले ( Hamne Karar Chaha To Aakar Ke Gam Mile )   हमने करार चाहा तो आकर के ग़म मिले। जब भी किसी मुकाम पे जाकर के हम मिले।।   रक्खा था जिनको पाल के सीने में रात-दिन। सुख के हसीन ख्वाब के हमको भरम मिले।।   जो…

ये आंसू के अक्षर हैं दिखाई नहीं देते

Shayari On Life -ये आंसू के अक्षर हैं दिखाई नहीं देते

ये आंसू के अक्षर हैं दिखाई नहीं देते ( Ye Aansoo Ke Akshar Hai Dikhai Nahi Dete )     देते हैं दर्द मगर दवाई नहीं देते। एक बार कैद करके रिहाई नहीं देते।।   तनहाई में जाकर के इत्मिननान से सोचो, ये आंसू के अक्षर हैं दिखाई नहीं देते।।   वो मर गया पर…

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में

Hindi Poetry On Life -लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में

लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में (Lagi Aag Nafrat Ki Aisi Jahan Mein )     मैं जब भी पुराना मकान देखता हूं! थोड़ी बहुत ख़ुद में जान देखता हूं!   लड़ाई वजूद की वजूद तक आई, ख़ुदा का ये भी इम्तिहान देखता हूं!   उजड़ गया आपस के झगड़े में घर, गली- कूचे…

बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी

Ghazal By Dr.Alka Arora -बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी

बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी ( Baarishe Mere Aangan Se Hokar Jab Bhi Gujri )   ?? तेरे शहर मे आज बेसबब आई हूँ साथ मुकद्दर के कुछ लम्हे लाई हूँ मुस्कुराना मेरी आदत है ,तो हो आँसू तेरी आँख से भी चुराने आई हूँ ?? वो जो करते रहे बाते किरदार…

मालिक का दरबार

Hindi Ghazal -मालिक का दरबार

मालिक का दरबार ( Malik Ka Darbar )   यह सारी दुनिया ही उस मालिक का दरबार हो जाए, अगर आदमी को आदमी से सच्चा प्यार हो जाए ।   जाति-मज़हब के नाम पर और लड़ाइयाँ ना होंगी, अगर इंसानियत ही सबसे बड़ा व्यापार हो जाए ।   हरेक कामगार को मयस्सर हो उनके हक़ की रोटी, अगर मालिक-मज़दूर…