Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा | Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ( Dil dukha khoob raha wo mera )     दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ! दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा   हर घड़ी करके सितम वो मुझ पर दिल रहा रोज़ दुखा वो मेरा   रास्ता कैसे मिले मंज़िल का रहनुमा  ही न  बना वो मेरा…

Jazbaat ghazal

वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं | Jazbaat ghazal

वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं ( Wo kabhi jazbaat dil ke yaar samjha nahi )     वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं मुझसे देखो वो कभी भी प्यार से मिलता नहीं   छोड़कर वो बीच सफ़र में ज़ा चुका है तन्हा ही पूरा उससे ही मुहब्बत का किया फेरा…

Sad shayari

ग़मो का मिला वो ख़िताब है | Sad shayari

ग़मो का मिला वो ख़िताब है ( Gamo ka mila wo khitab hai )     हाँ  यार  ग़मो  का  मिला वो ख़िताब है अब जीस्त में मिली ख़ुशी मुझको ज़नाब है   देखते वो करेगा मगर कब क़बूल वो दें आया प्यार का ही उसे मैं गुलाब है   कैसे भूलूँ  मगर याद उसकी…

आह ग़म की रोज़ मिलती खूब है

आह ग़म की रोज़ मिलती खूब है | Sad ghazal

आह ग़म की रोज़ मिलती खूब है  ( Aah gam ki roz milti khoob hai )   आह ग़म की रोज़ मिलती ख़ूब है! आँखें  रहती  रोज़  गीली  ख़ूब है   ए ख़ुदा भर दें ख़ुशी दिल में मेरे रहती दिल  में  ग़म  की गाह जलती ख़ूब है   नफ़रतों के ख़ंजर मारे है इतने…

कट रहा है ग़म में जिंदगी का सफ़र!

Gam Bhari Shayari | कट रहा है ग़म में जिंदगी का सफ़र

कट रहा है ग़म में जिंदगी का सफ़र! ( Kat raha hai gam mein zindagi ka safar )     कट  रहा है ग़म में  जिंदगी का सफ़र! एक पल भी मिला कब  ख़ुशी का सफ़र   चाहकर भी नहीं जीस्त में हो पाता बस गया जीस्त में बेबसी का सफ़र   जिंदगी में यारों…

अब किसी से गुलाब मिल जाये

अब किसी से गुलाब मिल जाये | Sad Shayari

अब किसी से गुलाब मिल जाये ( Ab kisi se gulab mil jaaye )     अब किसी से गुलाब मिल जाये ! इक हंसी से ज़नाब मिल जाये   तरसे है पढ़ने को जिसे ये दिल प्यार की अब क़िताब मिल जाये   तरसू गुल की ख़ुशबू से मैं कब तक हुस्न का अब…

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ | Ghazal

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ ( Roz rab se main yaron khushi mangata hoon )     रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ! दूर हो दुख अच्छी जिंदगी मांगता हूँ   उम्रभर  साथ  मेरा  निभाये वफ़ा एक ऐसी  रब से दोस्ती मांगता हूँ   प्यार हो वावफ़ा से भरी हो…

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है | Sad Shayari

हाँ खायी जीस्त में ठोकर बहुत है ( Haan khayi jeest mein thokar bahut hai )   हाँ खायी  जीस्त में ठोकर बहुत है जिग़र पे इसलिए  नश्तर बहुत है   मुहब्बत का अपनें ने कब दिया गुल नफ़रत के ही मारे पत्थर बहुत है !   किसी को प्यार क्या  देगे भला वो  मुहब्बत…

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है | Udasi Bhari Shayari

कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ( Kabhi apno ne hi samjha nahin hai )   कभी अपनों ने ही समझा नहीं है ! दिल उनसे इसलिए अब मिलता नहीं है   गली में इसलिए छाया अंधेरा कभी तक चाँद वो  निकला नहीं है   मुहब्बत की क्या होती गुफ़्तगू फ़िर कभी वो  पास…

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला | Ghazal

कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला! ( Kaise E Aazam Kahun Apna Bhala )     कैसे ए आज़म कहूँ अपना भला! जब यकीं में वो दग़ा करता भला   कहता है जब दोस्त हूँ सच्चा तेरा क्यों दिखाता ग़ैर  वो चेहरा भला   एक क़ातिल है वफ़ाओ का मेरी शक्ल से  ही जो मगर…