उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे

Love Shayari -उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे

उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे

 

( Ulfat Ki Sardi Lag Gayee Hai Mujhe )

 

 

उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे!

अब महसूस वो हो रही है मुझे

 

न जाने हवायें ये  कैसी चली

किसी की अब दीवानगी है मुझे

 

करे है जो तल्ख़े ज़बां रात दिन

उसी से बहुत आशिक़ी है मुझे

 

बना दें ख़ुदा हम सफ़र उम्रभर वो

लगन जिसकी हर पल लगी है मुझे

 

देखा इक हंसी की आंखों ने ऐसे

 दीवाना अपना कर गयी है मुझे

 

जिसे मैं निहारुं आज़म प्यार ही

वही  देखता  बेरुख़ी  है  मुझे

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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