वृंदावन | Vrindavan
वृंदावन
( Vrindavan )
मुरली मनोहर बजाई
बृंदावन में धूम मचाई
राधे कृष्णा की जोड़ी
बृज को प्रेम गाथा बतलाई ।।
गोकुल ग्वाला कान्हा मेरा
राधे बरसाने की छोरी रे
नंद के आनंद भयो था
बृषभान की किशोरी थी ।।
एक दूजे से प्रेम था जिनको
दया,करुणा कृपा सब बतलाई!
न पाना ,न खोना था कुछ भी
जो सब प्रेम थे मेरे रघुराई रे ।।
ऐसी अमर प्रेम कथा है ये
जिसने धर्म की बात बताई
मां बाबा का हृदय ना टूटे
बस प्रीत की रीत निभाई ।।
आज मनुज धरती पर
पाते सब दर्शन जिनके
वो मधुर है वृंदावन बृज में,
जहा जमुना भी प्रेम में समाई रे।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश
dubeyashi467@gmail.com