यही है जिंदगी
( Yehi hai zindagi )
लब जब मुस्कुराये अधरो पे मुस्कान छाए।
दिलों की धड़कने भी गीत कोई गुनगुनाए।
यही है जिंदगी
चेहरे खिल जाए अपना कोई मिल जाए।
मन में उमंगे छाए उमड़ घुमड़ भाव आए।
यही है जिंदगी
मन का चमन महके घर आंगन खिल जाए।
रिश्तो में प्यार घुले हंस हंसके सब बतलाए।
यही है जिंदगी
गीत कोई प्यारा लगे जब संगीत सुहाना लगे।
अपनो की महफिल में प्यारा अफसाना लगे।
यही है जिंदगी
आंधी में तूफानों में सुहानी राहों में वीराने में।
हौसला हिम्मत से बुलंदियां मिलती झोली में।
यही है जिंदगी
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )