जिंदगी इस तरह फिजूल किया

Hindi Poetry On Life | जिंदगी इस तरह फिजूल किया

जिंदगी इस तरह फिजूल किया

( Zindagi Is Tarah Fizool Kiya )

 

जिंदगी इस तरह फिजूल किया।
हार कर हार न कबूल किया।।

तुम तो अपनी अना पे खड़े रहे,
मैंने ही खुद को बेउसूल किया।।

जिंदगी तुझसे शिकायत भी नही,
तूने जब चाहा हमें धूल किया।।

लोग अंधियारे में खुश लगते है,
हमें तो दीये ने मलूल किया।।

भूल जो जमाने को रास नहीं,
शेष तुमने भी वही भूल किया।।

 

 

कवि व शायर: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
जमुआ,मेजा, प्रयागराज,
( उत्तर प्रदेश )

यह भी पढ़ें :

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *