सुदामा | Kavita
सुदामा
( Sudama )
( Sudama )
देखो हवाओं में जहर घोला जा रहा ( Dekho hawaon mein zehar ghol ja raha ) देखो हवाओं में जहर घोला जा रहा ….. जंगलों को जड़ो से है काटा जा रहा ….. देखो यहां ऑक्सीजन है नहीं फिर भी…. शहरों में आलीशां महल बनाया जा रहा । लगा कर पेड़ हम जमीं…
नारी मन ( Nari Man ) नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण परम माध्य सृष्टि सृजन, परिवार समाज अनूप कड़ी । सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना, पर आनंद हित सावन झड़ी । संवाहिका संस्कृति परंपरा, अग्र पाद धर्म आस्था तर्पण । नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण ।। मृदुल मधुर अंतर भाव, नैसर्गिकता अंग प्रत्यंग…
चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम ( Chand Bulbule Jo Dekhte Ho Pani Mein Tum ) दो घडी रुककर घाव सहलाने लगे हम यूँ भी दर्द अपना भुलाने लगे तुम जो राहो में मेरी बिछाते हो शूल दामन फूलो से तुम्हारा महकाने लगे किस्मत में था इन्तेजार वही मैं करती…
विध्यालय का पहला दिन ( First Day of School ) आया आपकी शरण में गुरुजन…| प्यार से पुकार कर, पुचकार कर सम्हाल दो । मैं आपकी शरण में गुरुजन, मुझमें सुंदर विचार दो ।। हो जरुरत फटकार दो, झाड दो लताड़ दो। अपने पन की आश-प्यार, ज्ञान का प्रकाश दो ।। हूँ अभी मैं कोरा…
दुआ रही सबकी ये दुआ रही हम सबकी, हो जाए सारी जहां आपकी। यह खुशी का दिन सदा, आते रहे आपके जीवन में रोजाना। बनिए खिलकर सुगन्धित फूल। हो रोशनमय आपसे ,आपका कुल। जन्म का सद्फल है आपको पाना। माया के तम में ना हो कभी डगमगाना। नित गुणगान हो आपके व्यक्तित्व की। ये दुआ…
कलयुग के राम खंड पर ( Kalyug ke Ram khand par ) कलयुग के राम खंड पर,आरंभ अब प्रचंड कर स्व प्रज्ञित अग्र कदम, अंतरतम दृढ़ संकल्प । आज्ञा अनुपालन शिरोधार्य, श्रम निष्ठ ध्येय प्रकल्प । नित गमन सत्य पथ, अवरोध बाधा खंड खंड कर । कलयुग के राम खंड पर,आरंभ अब प्रचंड कर…