Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -आज के हालात
आज के हालात
( Aaj Ke Halat )
अलसायी कलम ( Alsaayi kalam ) यह निढाल कलम सुस्ताये से अल्फाज़ करवट ले मुँह मोड़कर यह मेरी डायरी के पन्ने हाथ लगाने पर कुछ यूं उखड़े से आँखें बंद किये कसमसाते हुये लिहाफ़ में मानो और दुबक गये हाथों से मेरे छिटक लिये दबी आवाज़ में मानो कह रहे रात है गहराती हमें…
मित्रता ( Mitrata ) सभी को रहती है मित्रता की आस, मित्र बिन जीवन बनता अधूरी सांस; मित्रों के साथ मिलता सुखद एहसास, अनुभूतियां रहती है सदैव आसपास। लड़ते झगड़ते रहना फिर भी साथ-साथ, हर मुश्किल में मित्र आगे बढ़ाता है हाथ, कभी नहीं छोड़े श्रीकृष्ण सुदामा का साथ, हर मुसीबत में मिलती है तिनके…
अपने और पराये ( Apne aur Paraye ) जो कल तक दोस्त थे अब वो दुश्मन बन गये हैं। जो खाते थे कसमें यारों सदा साथ निभानें की। जरा सा वक्त क्या बदला की बदल गये ये सब। और छोड़कर साथ मेरा चले गये कही और।। जो अपने स्वर्थ को तुम रखोगे जब साथ अपने।…
छेंड़ कर ( Chhed Kar ) छेंड़ कर इस तरह न सताया करो, रूठ जाऊॅ अगर तो मनाया करो, दिल मेरा तेरी यादों की है इक गली, याद बनकर कभी इनमे आया करो। गीत कारों ने नज्में लिखे हैं बहुत, गीत मेरे लिए भी कोई गाया करो, इस तरह से मेरी कट पाएगी नहीं, दर्दे…
शेर की कविताए ( Sher ki kavitayen ) हाँ दबे पाँव आयी वो दिल में मेरे, दिल पें दस्तक लगा के चली फिर गयी। खोल के दिल की कुण्डी मैं सोचूँ यही, मस्त खूँशबू ये आके कहाँ खो गयी॥ हाँ दबे पाँव…. सोच मौका दोबारा मिले ना मिले, ढूँढने मैं लगा जिस्म सें…
सावन परम सोमवार ( Sawan param somvar ) शीर्ष साधना स्तुति शिवत्व दिव्य भव्य आभा, आराधनिक बना परिवेश । महादेव स्नेहिल कृपा दृष्टि, सुख समृद्धि घर द्वार प्रवेश । अंतर स्थल अथाह चेतना, कर्म धर्म फलन प्रस्तुति । सावन परम सोमवार, शीर्ष साधना स्तुति ।। प्रकृति अनूप हरित श्रृंगार, अति आनंद स्पंदन । नदी…
अलसायी कलम ( Alsaayi kalam ) यह निढाल कलम सुस्ताये से अल्फाज़ करवट ले मुँह मोड़कर यह मेरी डायरी के पन्ने हाथ लगाने पर कुछ यूं उखड़े से आँखें बंद किये कसमसाते हुये लिहाफ़ में मानो और दुबक गये हाथों से मेरे छिटक लिये दबी आवाज़ में मानो कह रहे रात है गहराती हमें…
मित्रता ( Mitrata ) सभी को रहती है मित्रता की आस, मित्र बिन जीवन बनता अधूरी सांस; मित्रों के साथ मिलता सुखद एहसास, अनुभूतियां रहती है सदैव आसपास। लड़ते झगड़ते रहना फिर भी साथ-साथ, हर मुश्किल में मित्र आगे बढ़ाता है हाथ, कभी नहीं छोड़े श्रीकृष्ण सुदामा का साथ, हर मुसीबत में मिलती है तिनके…
अपने और पराये ( Apne aur Paraye ) जो कल तक दोस्त थे अब वो दुश्मन बन गये हैं। जो खाते थे कसमें यारों सदा साथ निभानें की। जरा सा वक्त क्या बदला की बदल गये ये सब। और छोड़कर साथ मेरा चले गये कही और।। जो अपने स्वर्थ को तुम रखोगे जब साथ अपने।…
छेंड़ कर ( Chhed Kar ) छेंड़ कर इस तरह न सताया करो, रूठ जाऊॅ अगर तो मनाया करो, दिल मेरा तेरी यादों की है इक गली, याद बनकर कभी इनमे आया करो। गीत कारों ने नज्में लिखे हैं बहुत, गीत मेरे लिए भी कोई गाया करो, इस तरह से मेरी कट पाएगी नहीं, दर्दे…
शेर की कविताए ( Sher ki kavitayen ) हाँ दबे पाँव आयी वो दिल में मेरे, दिल पें दस्तक लगा के चली फिर गयी। खोल के दिल की कुण्डी मैं सोचूँ यही, मस्त खूँशबू ये आके कहाँ खो गयी॥ हाँ दबे पाँव…. सोच मौका दोबारा मिले ना मिले, ढूँढने मैं लगा जिस्म सें…
सावन परम सोमवार ( Sawan param somvar ) शीर्ष साधना स्तुति शिवत्व दिव्य भव्य आभा, आराधनिक बना परिवेश । महादेव स्नेहिल कृपा दृष्टि, सुख समृद्धि घर द्वार प्रवेश । अंतर स्थल अथाह चेतना, कर्म धर्म फलन प्रस्तुति । सावन परम सोमवार, शीर्ष साधना स्तुति ।। प्रकृति अनूप हरित श्रृंगार, अति आनंद स्पंदन । नदी…
अलसायी कलम ( Alsaayi kalam ) यह निढाल कलम सुस्ताये से अल्फाज़ करवट ले मुँह मोड़कर यह मेरी डायरी के पन्ने हाथ लगाने पर कुछ यूं उखड़े से आँखें बंद किये कसमसाते हुये लिहाफ़ में मानो और दुबक गये हाथों से मेरे छिटक लिये दबी आवाज़ में मानो कह रहे रात है गहराती हमें…
मित्रता ( Mitrata ) सभी को रहती है मित्रता की आस, मित्र बिन जीवन बनता अधूरी सांस; मित्रों के साथ मिलता सुखद एहसास, अनुभूतियां रहती है सदैव आसपास। लड़ते झगड़ते रहना फिर भी साथ-साथ, हर मुश्किल में मित्र आगे बढ़ाता है हाथ, कभी नहीं छोड़े श्रीकृष्ण सुदामा का साथ, हर मुसीबत में मिलती है तिनके…
अपने और पराये ( Apne aur Paraye ) जो कल तक दोस्त थे अब वो दुश्मन बन गये हैं। जो खाते थे कसमें यारों सदा साथ निभानें की। जरा सा वक्त क्या बदला की बदल गये ये सब। और छोड़कर साथ मेरा चले गये कही और।। जो अपने स्वर्थ को तुम रखोगे जब साथ अपने।…
छेंड़ कर ( Chhed Kar ) छेंड़ कर इस तरह न सताया करो, रूठ जाऊॅ अगर तो मनाया करो, दिल मेरा तेरी यादों की है इक गली, याद बनकर कभी इनमे आया करो। गीत कारों ने नज्में लिखे हैं बहुत, गीत मेरे लिए भी कोई गाया करो, इस तरह से मेरी कट पाएगी नहीं, दर्दे…
शेर की कविताए ( Sher ki kavitayen ) हाँ दबे पाँव आयी वो दिल में मेरे, दिल पें दस्तक लगा के चली फिर गयी। खोल के दिल की कुण्डी मैं सोचूँ यही, मस्त खूँशबू ये आके कहाँ खो गयी॥ हाँ दबे पाँव…. सोच मौका दोबारा मिले ना मिले, ढूँढने मैं लगा जिस्म सें…
सावन परम सोमवार ( Sawan param somvar ) शीर्ष साधना स्तुति शिवत्व दिव्य भव्य आभा, आराधनिक बना परिवेश । महादेव स्नेहिल कृपा दृष्टि, सुख समृद्धि घर द्वार प्रवेश । अंतर स्थल अथाह चेतना, कर्म धर्म फलन प्रस्तुति । सावन परम सोमवार, शीर्ष साधना स्तुति ।। प्रकृति अनूप हरित श्रृंगार, अति आनंद स्पंदन । नदी…