Kavita | आसिफ की आपबीती
आसिफ की आपबीती
( Asif Ki Aap Beeti )
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लगी थी प्यास
मंदिर था पास
गया पीने पानी
थी प्यास बुझानी
समझ देवता का घर
घुस गया अंदर
नहीं था किसी का डर
पी कर वापस आया
तभी किसी ने पास बुलाया
पूछा क्या नाम है?
बताया आसिफ है!
सुन वो बड़ा ही चौंका
मुझ पर वह भौंका
तुम्हारी इतनी हिम्मत
की तूने कैसे जुर्रत
मंदिर में घुसने की
पानी पीने की
फिर मारा पीटा
सड़क पर घसीटा
बनाया वीडियो
वायरल किया
दुनिया ने देखा
कड़ी निन्दा की
पुलिस ने लिया एक्शन
हुआ गिरफ्तार
लेकिन एकबार फिर हुआ
मानवता तार तार!
समझ नहीं आता
कब तलक ऐसा चलेगा यार?
क्या यूं ही रंजिशों की भेंट चढ़-
नष्ट हो जाएगा यह संसार?
सोचें प्रबुद्ध जन बार बार।
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।
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