सुख, समृद्धि, शान्ति की उड़ाएँ पतंगें | Poem in Hindi on Makar Sankranti
सुख,समृद्धि,शान्ति की उड़ाएँ पतंगें! ( Sukh,samridhi,shanti ki udaye patang! ) खुले आसमां में उड़ाएँ पतंगें, सुख,समृद्धि,शान्ति की उड़ाएँ पतंगें। फसलें सजी हैं किसानों की देखो, चलो हवा से मिलके उड़ाएँ पतंगें। मकर संक्रांति का फिर आया उत्सव, असत्य पे सत्य की उड़ाएँ पतंगें। तस्वीर दिल की इंद्रधनुषी बनाएँ, अरमानों के नभ में उड़ाएँ पतंगें।…