इस तरह याद आया न कर
इस तरह याद आया न कर तू मुझे इस तरह याद आया न करमेरी ही धुन में तू वक़्त ज़ाया न कर तेरी महफ़िल में चल के अगर आ गयातो नज़र मुझसे दिलबर चुराया न कर गुल में भी तू नज़र आए जान-ए- ग़ज़लहर किसी के दिलों को यूँ भाया न कर काफ़िया हूँ मैं…