इस तरह याद आया न कर

इस तरह याद आया न कर

इस तरह याद आया न कर तू मुझे इस तरह याद आया न करमेरी ही धुन में तू वक़्त ज़ाया न कर तेरी महफ़िल में चल के अगर आ गयातो नज़र मुझसे दिलबर चुराया न कर गुल में भी तू नज़र आए जान-ए- ग़ज़लहर किसी के दिलों को यूँ भाया न कर काफ़िया हूँ मैं…

काशाना मंज़ूर हुआ

काशाना मंज़ूर हुआ

काशाना मंज़ूर हुआ तेरे दिल का अब हमको हर काशाना मंज़ूर हुआतेरी ज़ुल्फ़ों के साये में मर जाना मंज़ूर हुआ उठने लगीं हैं काली घटायें छलके हैं जाम-ओ-साग़रऐसे आलम में तुझको भी बलखाना मंज़ूर हुआ महकी महकी गुलमेंहदी है चाँद सितारे भी रौशनऐसे मौसम में उनको भी तरसाना मंज़ूर हुआ लहराते हैं ज़ुल्फें हमदम हर…

इसका क्या करना

इसका क्या करना | Iska Kya Karna

इसका क्या करना कौन कैसा है इसका क्या करनातुम समझदार हो वफा करना जिसने उँगली दी उसके हाथ गएकितना मुश्किल हुआ भला करना क्या भरोसा है कल ही मर जाँएज़िंदगी तुझसे क्या गिला करना रोज़ ख्वाबों से बच न जाया करमेरी नींदों पे कुछ दया करना सब परेशां है आस पास मगरवो भी हँस देंगे…

अपनी कहानी लिखना

अपनी कहानी लिखना | Apni Kahani Likhna

अपनी कहानी लिखना दिल के औराक़ पे जब अपनी कहानी लिखनादूध को दूध मगर पानी को पानी लिखना पढ़ तो लेता हूँ मैं तहरीर तेरे चेहरे कीदास्ताँ फिर भी कभी दिल की ज़ुबानी लिखना तेरे हाथों में है अब मेरे मुक़द्दर का वरक़मेरी रातों में उजालों की रवानी लिखना कैसे जलते हैं मेरे होंठ तेरी…

हमने देखा है

हमने देखा है | Humne Dekha Hai

हमने देखा है मुस्कुराते गुलाब की मानिंद।हर ख़ुशी है शराब की मानिंद। हमने देखा है ग़ौर से इसको।ज़िन्दगी है ह़बाब की मानिंद। धुन है गर आसमान छूने की।बनिए ज़िद्दी उ़क़ाब की मानिंद। कैसे ढालूं मैं हाय रे ख़ुद को।चश्मे-जानां के ख़्वाब की मानिंद। कोई सानी ही जब नहीं उनका।किसको लिक्खूं जनाब की मानिंद। मिल न…

नज़र ने बोल दिया

नज़र ने बोल दिया

नज़र ने बोल दिया नज़र ने बोल दिया बू-ए-हाथ से पहलेन जाने किस से मिला है वो रात से पहले वो मेरे साथ ही ग़मगीन सा नज़र आयाजो हँस रहा था बड़ा मेरे साथ से पहले मुझे लगा ही था ये बात होने वाली हैसो देखना था तेरा हाल बात से पहले ख़बर बुरी ही…

वो मिलें जो मुझे

वो मिलें जो मुझे | Wo Mile jo Mujhe

वो मिलें जो मुझे हो गई आँख़ नम फिर हँसाने के बाद ।वो मिलें जो मुझे इक ज़माने के बाद ।।१ गीत जिनकी विरह में लिखे थे कभी ।दौड़ आए वही गुनगुनाने के बाद ।।२ खुश बहुत था जिन्हें साथ पाकर यहाँ ।चल दिए आज वो जुल्म़ ढा़ने के बाद ।।३ क्या क़मी थी वफ़ा…

हमको नसीब अपना यहाँ ग़मज़दा मिला

हमको नसीब अपना यहाँ ग़मज़दा मिला

हमको नसीब अपना यहाँ ग़मज़दा मिला हमको नसीब अपना यहाँ ग़मज़दा मिलाहर रोज़ इक नया ही हमें मसअला मिला उल्फ़त कहाँ थी अपनों से तेग़-ए-जफ़ा मिलाचाहत बहुत थी यार न हर्फ़-ए-दुआ मिला नालायकों को जब किया घर से है बेदखलअपना ही ख़ून हमको ये फिर चीख़ता मिला बूढ़े शजर को छोड़ के सब लोग चल…

जो ज़ख़्म बेनिशां थे वो नासूर हो गए

जो ज़ख़्म बेनिशां थे वो नासूर हो गए

जो ज़ख़्म बेनिशां थे वो नासूर हो गए हम क्या ह़रीमे-नाज़ से कुछ दूर हो गए।जो ज़ख़्म बेनिशां थे वो नासूर हो गए। सब इ़ज्ज़ो-इन्किसार ही काफ़ूर हो गए।मसनंद नशीं वो क्या हुए मग़रूर हो गए। बेचैन उनके इ़श्क़ ने इतना किया के बस।हम उनसे बात करने को मजबूर हो गए। वो संग थे यूं…

दुश्मनी अपनी भी तो पुरानी नहीं

दुश्मनी अपनी भी तो पुरानी नहीं

दुश्मनी अपनी भी तो पुरानी नहीं दुश्मनी अपनी भी तो पुरानी नहींबात ये और की उसने मानी नहीं मत कहो प्रेम की अब कहानी नहींसेतु वो प्रेम की क्या निशानी नहीं इश्क़ में चोट अब मुझको खानी नहींरात करवट में सारी बितानी नहीं जिस तरह बाप से बात करते हैं वेयूँ समझ आँख में आज…