Kareeb Shayari

नहीं कभी वो हमारे क़रीब आये है | Kareeb Shayari

नहीं कभी वो हमारे क़रीब आये है ( Nahin kabhi jo hamare kareeb aaye hai )   जिन्हें समझा घर हमारे हबीब आये है वहीं बनके घर हमारे रकीब आये है निभाएंगे क्या मुहब्बत वहीं वफ़ा हमसे हमें देने घर हमारे सलीब आये है दुखाने दिल को हमेशा रहें आते ही वो नहीं मुहब्बत के…

Siskiyaan Shayari

सुनाई देगी तुझे मेरी सिसकियाँ | Siskiyaan Shayari

सुनाई देगी तुझे मेरी सिसकियाँ ( Sunai degi tujhe meri siskiyaan )    है प्यार देख लो दोनों के दर्मियाँ अब भी उसी के नाम पे रुकती हैं हिचकियाँ अब भी कभी छुपा के दी तुमने मुझे किताबों में रखी हैं मैंने वो महफ़ूज चिट्ठियाँ अब भी क़ुबूल होगी कभी तो दुआ ख़ुदा के दर…

Ham Sawan na Bhoole

हम सावन न भूले | Ham Sawan na Bhoole

हम सावन न भूले ( Ham sawan na bhoole)    छन्नी कभी तक वो तन न भूले वो ग़म भरा हम सावन न भूले बदला तुझी से लेंगे अदू हम उजड़ा कभी तक गुलशन न भूले सैनिक तुझे मारेगा किसी दिन औक़ात अभी वो दुश्मन न भूले गिनकर अदू लेंगे तुझसे बदला वो खू भरा…

Zafaon pe Jo Sawal

कल तक उठा रहे थे जफ़ाओं पे जो सवाल | Zafaon pe Jo Sawal

कल तक उठा रहे थे जफ़ाओं पे जो सवाल! ( Kal tak utha rahe the zafaon pe jo sawal )   कल तक उठा रहे थे,जफ़ाओं पे जो सवाल ! हैं सामने खुद उनकी वफ़ाओं के ही अमाल !!१ इस पर कहीं हैरत जदा, फिर भी नहीं कोई पहले भी पेश कर चुके हैं वे…

Faraz ki Ghazal

ह़ासिल मुक़ाम करना है | Faraz ki Ghazal

ह़ासिल मुक़ाम करना है ( Hasil muqam karna hai )    करें वो जो भी उन्हें काम धाम करना है। हमें तो सिर्फ़ मुह़ब्बत को आ़म करना है। अभी जो आग लगाकर गए हैं इस दिल में। कहाँ हैं ढूँढिए उन को सलाम करना है। जमाले यार को लफ़्ज़ों में ढाल कर रखना। हमें तो…

Uthti hai Mere Chehre par

उठती है मेरे चेहरे पर | Uthti hai Mere Chehre par

उठती है मेरे चेहरे पर ( Uthti hai mere chehre par )   उठती है मेरे चेहरे पर उसकी नजर नहीं लेकिन वह मेरे हाल से भी बेखबर नहीं। रोके ना रुक सकेगा हमारा वह प्यार है पाबंदियां जहान की भी पुरअसर नहीं। चाहत है आसमान में परिंदों सा उड़ चले पर घोंसलों के बिन…

Ham Jane

हम में खोकर रहो तो हम जाने | Ham Jane

हम में खोकर रहो तो हम जाने ( Ham mein khokar raho to ham jane )   ऐसी होकर रहो तो हम जाने हम में खोकर रहो तो हम जाने साथ देने का है इरादा गर खाके ठोकर रहो तो हम जाने मन की कोई कहाँ है कर पाता करना जो कर रहो तो हम…

Pyar ki Pahal

प्यार की पहल | Pyar ki Pahal

प्यार की पहल ( Pyar ki pahal )   आसमां में खिला कँवल कहिए चाँद पर आप इक ग़ज़ल कहिए जो बढ़ा दे फ़िजा मुहब्बत की प्रेयसी के नयन सजल कहिए बाँध दे जो नज़र से धड़कन को प्यार की आप वो पहल कहिए बो दिया नब्ज़ मे दर्द-ए-कसक प्रेम की बढ़ गई फसल कहिए…

Baarish Poem

बारिश | Baarish Poem

बारिश ( Baarish )    आई है सौ रंग सजाती और मचलती ये बारिश रिमझिम रिमझिम बूंदों से सांसों में ढलती ये बारिश। दर्द हमेशा सहकर दिल पत्थर के जैसे सख़्त हुआ सुन कर दर्द हमारा लगता आज पिघलती ये बारिश। याद हमें जब आते हैं वो उस दिन ऐसा होता है पांव दबाकर नैनो…

Poem on Mandir Masjid

मंदिर मस्जिद | Poem on Mandir Masjid

मंदिर मस्जिद ( Mandir Masjid )   करना क्या है ? मंदिर मस्जिद और खाना है ! मंदिर मस्जिद भर रक्खी है नफ़रत दिल में कर रक्खा है मंदिर मस्जिद खूब लड़े हैं भाई भाई मुद्दा क्या है ? मंदिर मस्जिद आपका बेटा पढ़ा लिखा है क्या करता है ? मंदिर मस्जिद ख्वाहिश जो पूछो…