भगवान जय श्री परशुराम जी
भगवान जय श्री परशुराम जी ( छंद-मनहरण घनाक्षरी ) जमदग्नि रेणु सूत ,अति बलशाली पूत,छठे अवतार विष्णु ,राम कहलाए है! अक्षय तृतीया आई,अटल मुहुर्त लाई,रामभद्र जन्मोत्सव ,जगत मनाए है। राम बसे श्वास श्वास, करने अधर्मी नाश,हाथ में सदैव अस्त्र,परशु उठाए है । शिव धनु तोड़े राम , हर्ष हुआ चारों धाम,विलोकित राम-राम ,दोनों मुस्कुराए है। डॉ कामिनी व्यास…










