शारदे कृपा करो | रामभद्र संवार्णिक दंडक छंद

शारदे कृपा करो ( Sharde kripa karo ) शारदे! कृपा करो अखंड ज्ञान दान, हूँ अबोध साधिका प्रसाद-दायिनी, l प्रार्थना न जानती न अर्चना निकाम, लेखनी प्रशस्त हो विचार...

नैनो में सावन | कुण्ड़लिया छन्द

नैनो में सावन ( Naino mein sawan ) नैनो में सावन लिए , करती हूँ मनुहार । ऐसे मत छेड़ो पिया , लगती जिया कटार ।। लगती जिया...

गुरु महिमा गीत | ताटक छंद

गुरु महिमा गीत गुरु महिमा है अगम अगोचर, ईश्वर शीश झुकाया है। पढ़ा लिखाकर हमको गुरु ने, काबिल आज बनाया है। समय समय अभ्यास कराते, गीत हमको...

आधुनिक युग विवाह का चलन | मनहर घनाक्षरी छंद

आधुनिक युग विवाह का चलन सुनो जी बात राज की व्यथा कहूं मैं आज की शादी वाले घर पर काज करवाते हैं बन्ना देखो हीरो लागे बन्नी जी हीरोइन लागे सौंदर्य...

धरती | मनहरण घनाक्षरी

धरती ( Dharti )   हरी भरी प्यारी धरा, वीर प्रसूता अवनी। हरियाली भरपूर, धरती पे लाइए। महकती बहारों से, कुदरती नजारों से। पुष्प धरा की सौरभ, समां महकाइए। धरती अंबर...

भीषण गर्मी | रोला छन्द

भीषण गर्मी कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं...

छंद घूंघट | मनहरण घनाक्षरी

छंद घूंघट मान मर्यादा रक्षक, लाज शर्म धर ध्यान। चार चांद सौंदर्य में, घूंघट सजाइए। प्रीत की फुहार प्यारी, सुंदर सुशील नारी। पिया मन को लुभाती, घूंघट लगाइए। गौरी...

शारदे माँ | लावणी छंद

शारदे माँ ( 16 , 14 मात्रा पर यति अनिवार्य 30 मात्रा का मात्रिक छंद पदांत गुरु वर्ण अनिवार्य )    भक्तों को विद्या देती हैं , कृपा...

राम | घनाक्षरी छंद

राम घनाक्षरी छंद ( 8,8,8,7 )   दोऊ भाई लगे प्यारे, बने धर्म के सहारे। फहराने धर्म ध्वजा, आये मेरे श्री राम।। दुखियों के दुख टारे, सब कुछ दिए वारे। वचन निभाने चले, वन...

चितवन | Chitwan

चितवन ( Chitwan )  मनहरण घनाक्षरी चंचल मनमोहक, चितवन मन मोहे। बांसुरी कन्हैया तोरी, तान छेड़े मन में। मोर मुकुट माधव, गले वैजयंती माला। केशव मुस्कान प्यारी, मन लागे लगन...