राम | घनाक्षरी छंद

राम | घनाक्षरी छंद

राम घनाक्षरी छंद ( 8,8,8,7 )   दोऊ भाई लगे प्यारे, बने धर्म के सहारे। फहराने धर्म ध्वजा, आये मेरे श्री राम।। दुखियों के दुख टारे, सब कुछ दिए वारे। वचन निभाने चले, वन को किए धाम।। राम -राज बना आज, पूरन हो सभी काज। बिगड़ी बनाते यही, रे – मन जपो नाम।। राम-राम रटे…

चितवन | Chitwan

चितवन | Chitwan

चितवन ( Chitwan )  मनहरण घनाक्षरी चंचल मनमोहक, चितवन मन मोहे। बांसुरी कन्हैया तोरी, तान छेड़े मन में। मोर मुकुट माधव, गले वैजयंती माला। केशव मुस्कान प्यारी, मन लागे लगन में। राधा के मोहन प्यारे, हर जाए चितवन। छवि घनश्याम कान्हा, बसी मोरे तन में। गोपियों के गिरधारी, गिरधर बनवारी। मधुबन बज रही, मुरलिया वन…

Jeet

जीत | Jeet

जीत ( Jeet )  मनहरण घनाक्षरी   दिल जितना चाहो तो, दिल में उतर जाओ। मीठे बोल प्यार भरा, गीत कोई गाइए। जग जितना चाहो तो, लड़ना महासमर। शौर्य पराक्रम वीर, कौशल दिखाइए। औरों के हित जो लड़े, समर जीत वो जाते। दीन हीन लाचार को, गले से लगाइए। जीतकर शिखर से, अभिमान ना करना।…

चंद्रयान की सफलता | Chandrayaan ki Safalta

चंद्रयान की सफलता | Chandrayaan ki Safalta

चंद्रयान की सफलता ( Chandrayaan ki safalta )   दुर्लभ को सम्भव किया, भारत देश महान।। चन्द्रयान की सफलता, जय जय जय विज्ञान।। जय जय जय विज्ञान, निराली तेरी माया। भारत अनुसंधान, जगत में अव्वल छाया। कहैं शेष कविराय, जियें वैज्ञानिक वल्लभ। कुशल प्रशासन नीति, मिथक तोड़े सब दुर्लभ।।   लेखक: शेषमणि शर्मा”इलाहाबादी” प्रा०वि०-नक्कूपुर, वि०खं०-छानबे, जनपद…

Shyam Base Ghat Ghat

श्याम बसे घट घट | Shyam Base Ghat Ghat

श्याम बसे घट घट ( Shyam base ghat ghat )    हरिहरण घनाक्षरी   रामजी बसा लो घट, श्याम बसे घट घट। पणिहारी पनघट, भर लाई नीर घट। भोर भई निशा घट, प्रेम रहा उर घट। राम बसे जब घट, पाप सारा जाए घट। सर तीर भर घट, छलकत अध घट। जला दीप घट घट,…

Narayan Hari

कण कण पाए हरि | Narayan Hari

कण कण पाए हरि ( Kan kan paye hari ) हरिहरण घनाक्षरी   घट घट वासी हरि, रग रग बसे हरि। रोम रोम रहे हरि, सांस सांस मिले हरि। कण कण पाए हरि, जन मन भाए हरि। घर घर आए हरि,भजो राम हरि हरि। पीर हर लेते हरि, भव पार करे हरि। यश कीर्ति देते…

Daya

दया | Daya

दया ( Daya ) रूप घनाक्षरी   जीवों पर दया करें, औरों पर उपकार। साथ देता भगवन, दुनिया का करतार। हर्ष खुशी प्रेम भरा, सुंदर सा ये संसार। दया नहीं मन माहीं, समझो जीना बेकार। श्रीराम है दयासिंधु, भक्तों के तारणहार। दयानिधि दीनबंधु, कर देते बेड़ा पार। दीनन पे दया करें, आदर और सत्कार। सुख…

Poem in Hindi on Kshama

क्षमा | Poem in Hindi on Kshama

क्षमा ( Kshama )  रूपहरण घनाक्षरी   दया क्षमा हो संस्कार, सदाचार और प्यार। परोपकार गुण को, घट नर ले उतार। व्यक्तित्व को चार चांद, यश कीर्ति हो अपार। क्षमा बड़ों का गहना, भव सागर दे तार। बड़े वही जगत में, छोटों को करते माफ। तारीफ में ताकत है, परचम ले विस्तार। क्षमा वीरों को…

Poem on Shree Ram

प्यारे राम | Poem on Shree Ram

प्यारे राम ( Pyare Ram )  हरिहरण घनाक्षरी आराध्य हमारे राम, जन जन प्यारे राम। दीन रखवारे राम, भजे राम राम सब। कौशल्या के तारे राम, दशरथ प्यारे राम। सबके सहारे राम, आओ मेरे राम अब। सीताराम सीताराम, रघुपति राजा राम। अवध विराजे राम, पीर हरे राम सब। दीनबंधु दुखहर्ता, दया सिंधु प्यारे राम। जग…

Maa

मां | Maa ke Upar Poem

मां ( Maa )   मोती लुटाती प्यार के, ठंडी आंचल की छांव। सुख तेरे चरणों में, उमड़े आठों पहर। प्रेम की मूरत माता, तुम हो भाग्यविधाता। प्रथम गुरु जननी, तुम ज्ञान की लहर‌। खुशियों का खजाना हो, हौसला उड़ान मेरी। सर पर हाथ तेरा, बरसे तेरी महर। सारे तीर्थों का सार हो, सृष्टि का…