दर्पण | Darpan par Chhand
दर्पण
( Darpan )
गोरा गोरा गाल गोरी, दर्पण रही निहार।
सांवरी सूरत मोहि, मोहन रिझाइए।
हाथों में ले गगरिया, गांव चली गुजरिया।
दर्पण सा मन मेरा, प्रियतम आइए।
चाल...
चिंतन | Chintan par Chhand
चिंतन
( Chintan )
मनहरण घनाक्षरी
विद्वान चिंतक हुए, पथ प्रदर्शक भारी।
देश का उत्थान करे, चिंतन भी कीजिए।
मंथन हो विचारों का, उर भाव उद्गारों का।
जनहित सरोकार, अमल...
चंदन | Chandan par Chhand
चंदन
( Chandan )
प्रभु को अर्पण करें, मस्तक तिलक करें।
चंदन की खुशबू से, जग महकाइये।
रज धुली कण कण, पावन माटी चंदन।
मातृभूमि वीर धरा, मस्तक...
आया बसंत सुहाना | Chhand Aaya Basant Suhana
आया बसंत सुहाना
( Aaya basant suhana )
जलहरण घनाक्षरी
आया बसंत सुहाना, उपवन महका रे।
झूम झूम नाचे गाते, सारे ठहर ठहर।
फागुन की मस्ती छाई, रूत ये...
परीक्षा | Pareeksha par Chhand
परीक्षा
( Pareeksha )
पग पग पे परीक्षा, लेता जग करतार।
जीवन की डगर पे, चलिए जरा संभल।
हर आंधी तूफां से, हर मुश्किल बाधा से।
हौसलों की उड़ान...
कोहरा | Kohara par Chhand
कोहरा
( Kohara )
मनहरण घनाक्षरी
ठंडी ठंडी हवा चली, शीतलहर सी आई।
ओस पड़ रही धुंध सी, देखो छाया कोहरा।
ठिठुरते हाथ पांव, बर्फीली हवाएं चली।
कुदरत का नजारा,...
ठिठुरन | Thithuran par chhand
ठिठुरन
( Thithuran )
सर्द हवा ठंडी ठंडी, बहती है पुरजोर।
ठिठुरते हाथ पांव, अलाव जलाइए।
कोहरा ओस छा जाए, शीतलहर आ जाए।
कंपकंपी बदन में, ठंड से बचाइए।
सूरज...
संगत | Sangat par chhand
संगत
( Sangat )
अधरों पर मुस्कान हो,
सुर सुरीली तान हो,
वीणा की झंकार बजे,
गीत जरा गाइए।
नेह की बरसात हो,
सुहानी सी प्रभात हो,
अपनों का साथ मिले,
जरा मुस्कुराइए।
जीवन...
सुपात्र | Supatra par chhand
सुपात्र
( Supatra par chhand ) सद्गुणों से भरपूर, कला से हो मशहूर।
सुपात्र का हो सम्मान, कदम बढ़ाइए।
विनय भाव संस्कार, दूर हो सारे विकार।
जग बांटे प्रेम...
सादगी | Saadgi par chhand
सादगी
( Saadgi )
मनहरण घनाक्षरी
सत्य शील सादगी हो,
ईश्वर की बंदगी हो।
आचरण प्रेम भर,
सरिता बहाइये।
संयम संस्कार मिले,
स्नेह संग सदाचार।
शालीनता जीवन में,
सदा अपनाइये।
बोल मीठे मीठे बोलो,
मन की...