परवरिश | Parvarish Par Muktak
परवरिश
( Parvarish )
पालते लाड प्यार से, ममता दुलार से।
खुशियों बहार से, मीठी पुचकार से।
रखे औलाद को, दुनिया में मां बाप।
आंखों का तारा हमे, दिलों...
उमंगों की पतंगे उड़ाओ | Umang par kavita
उमंगों की पतंगे उड़ाओ
( Umangon ki patang udao )
उमंगों की पतंगे लेकर आओ मचाए हम भी शोर।
गली गली घूमते गाते चले आई है सुहानी...
आरजू | Aarzoo par muktak
आरजू
( Aarzoo )
एक आरजू एक तमन्ना एक मेरी अभिलाषा।
अटल रहूं सीमा पे धर रण कौशल की भाषा।
जोश जज्बा रग-रग में हौसला है भरपूर मेरा।
तिरंगा...
पदांत आंसू | Aansoo par muktak
पदांत आंसू
( Padant aansoo )
सारे पापों को धो देते हैं वो प्रायश्चित के आंसू।
प्रेम का उमडता सागर नैन छलक आते आंसू।
महकते फूल प्यारे अब...
घुंघट | Muktak in Hindi
घुंघट
( Ghoonghat )
शर्म दर्शाता नारी घूंघट सुंदरता का आवरण
बुजुर्गों के सम्मान की छवि मर्यादा का चरण
सनातन संस्कृति में रिवाज मुगलकाल पनपा
उग्र शासक भय से...
मुक्तक मां | Muktak Maa
मुक्तक मां
( Muktak Maa)
मां की तरफ़ से सुन लो ये पैगाम आया है
उसी पैग़ाम पर यारों हमारा नाम आया है,
लिखूंगा मैं वतन ख़ातिर...
मुक्तक : कल एक फूल इसी घुटन में मर गया
कल एक फूल इसी घुटन में मर गया
( Kal ek phool isi ghutan mein mar gaya )
कल इक फूल इसी घुटन में मर गया,
कि...
चांद | Chand par muktak
चांद मुक्तक
( Chand Muktak )
चांद तारे बिछा देंगे हम राह में
कुछ नया कर दिखा देंगे चाह में
आओ मिलों हमसे मुस्कुरा कर
गगन छू लेंगे हम...
Muktak | मुक्तक
मुक्तक
( Muktak )
निर्भय रहकर जो जीवन जीता है
धीरज धरकर जो गमों के घूंट पीता है
कर्म प्रधान है इस चराचर जगत में
आत्मा अजर अमर कहती...
कुमार के मुक्तक | Kumar ke muktak
कुमार के मुक्तक
( Kumar ke muktak )
१
बहते हुए जल पे कभी काई नहीं आती,
बिना उबले दूध पर मलाई नहीं आती।
थोङी बहुत शायरी तो सभी ...