नीरज चोपड़ा | Niraj Chopra Par Kavita
नीरज चोपड़ा ( Niraj Chopra Par Kavita ) सुहाषिनी सुदर्शनी सी लगी, लो शुभ बिहान आ गया। सौभाग्य से स्वर्णीम पदक ले, भारत का लाल आ गया। गर्वित हुआ आनन्द मन उल्लास, वृहद छा गया, भगवा भवानी भारती के, सौन्दर्य निखर के आ गया। कवि : शेर सिंह हुंकार देवरिया…